PM Modi in FinTech Fest: 'सरस्वती जब बुद्धि बांट रही थीं तो वे रास्ते में खड़े थे', किसका जिक्र कर PM मोदी ने कसा तंज
FinTech Fest Mumbai: पीएम मोदी ने कहा कि भारत में फिनटेक की वजह से जो बदलाव आया है, वो टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक प्रभाव बहुत ज्यादा है. गांव और शहर के बीच की दूरी कम हुई है.
Global FinTech Fest: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में फिनटेक क्रांति को लेकर सवाल उठाने वाले नेताओं पर तंज कसा और कहा कि ये लोग कहते थे कि भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है. मुंबई के जियो कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार (30 अगस्त) को ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के दौरान पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं. पीएम मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि जब सरस्वती मां बुद्धि बांट रही थीं तब ऐसे लोग रास्ते में ही खड़े थे. उन्होंने बताया कि किस तरह से पिछले 10 सालों में फिनटेक में निवेश के जरिए इस सेक्टर में सुधार किया गया है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि आज सपनों की नगरी मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल हो रहा है. उन्होंने कहा कि एक समय था जब लोग भारत आते थे तो हमारी सांस्कृतिक विविधता देखकर हैरान हो जाते थे. अब लोग भारत आते हैं तो हमारी फिनटेक विविधता को देखकर हैरान होते हैं. एयरपोर्ट पर लैंड होने से लेकर शॉपिंग तक भारत की फिनटेक क्रांति चारों तरफ दिखती है. पिछले 10 सालों में फिनटेक सेक्टर में 31 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है.
मुझ जैसे चायवाले से पूछा जाता था फिनटेक क्रांति कैसे होगी- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने भारत में सस्ते मोबाइल फोन, डेटा और जीरो बैलेंस जन धन बैंक खातों का जिक्र किया और फिर विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "आप लोगों को याद होगा कि पहले कुछ लोग संसद में खड़े होकर पूछते थे. अपने आप को बहुत विद्वान मानने वाले लोग पूछते थे. सरस्वती जब बुद्धि बांट रही थीं तो वह रास्ते में पहले खड़े थे. वो कहते थे कि भारत में बैंक की इतनी शाखाएं, इंटरनेट और बैंक नहीं हैं. यहां तक कि कह देते थे कि भारत में बिजली तक नहीं है."
India's FinTech revolution is improving financial inclusion as well as driving innovation. Addressing the Global FinTech Fest in Mumbai.https://t.co/G0Tuf6WAPw
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2024
पीएम मोदी ने आगे कहा, "वे कहते थे कि फिनटेक क्रांति कैसे होगी. ये पूछा जाता था और मुझ जैसे चायवाले को पूछा जाता था. मगर आज देखिए एक दशक में ही भारत में ब्रॉडबैंड यूजर 6 करोड़ से बढ़कर 94 करोड़ हो गए हैं. आज 18 वर्ष से ऊपर शायद ही कोई भारतीय हो, जिसकी डिजिटल आइडेंटिटी यानी आधार कार्ड नहीं हो. आज 53 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास जन धन बैंक खाते हो गए हैं. 10 साल में यूरोपियन यूनियन की आबादी जितने लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा है."
करेंसी से क्यूआर कोड में सदिया लग गईं: पीएम मोदी
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने साइबर फ्रॉड को रोका है. बैंकिंग को अब गांव-गांव तक फैलाया गया है. फिनटेक ने वित्तीय सेवाओं को लोकतांत्रिक बनाया है. आज सरकार के सैकड़ों स्कीम का फायदा डिजिटल तरीके से मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना के विपरीत दौर में भी हमारा बैंकिंग सिस्टम चलता रहा. करेंसी से क्यूआर कोड तक की यात्रा में सदियां लग गईं पर अब हम हर रोज नई चीजें देख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ये फिनटेक फेस्ट का पांचवां समारोह है, जब 10वें में आऊंगा तो तब आपने भी कल्पना नहीं की होगी कि वहां पर आप भी पहुंचेंगे. स्टार्टअप करने वाले कुछ लोगों को 10-10 होमवर्क देकर आया हूं,क्योंकि मैं समझ सकता हूं कि बहुत बड़ी क्रांति लाई जाने वाली है और उसकी नींव हम यहां देख रहे हैं. इसी भरोसे के साथ मेरी शुभकामनाएं हैं.
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