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2014 से अबतक हुए तमाम विधानसभा चुनाव का लेखा-जोखा: पढ़ें, कब किस पार्टी को मिली जीत और किसे मिली हार

आपको यहां बता रहे हैं 2014 से अब तक हुए विधानसभा चुनावों के बारे में जिसके सहारे आप जान पाएंगे कि किस चुनाव में कौन सी पार्टी जीती और किसे हार का सामना करना पड़ा.

नई दिल्ली: 2014 में शुरू हुई मोदी लहर अब देश के हर हिस्से में सिर चढ़कर बोल रही है. कर्नाटक में जीत के साथ ही अब दक्षिण का दरवाज़ा भी खुल गया है. 2014 में एनडीए के ऐतिहासिक जीत का जो सिलसिला शुरू हुआ वो पश्चिम, उत्तर और पूर्वोत्तर के बाद अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा. कई ऐसे राज्य थे जहां बीजेपी विपक्ष की पार्टी भी नहीं बन पाई, वहां सीधे सरकार में आई. बीजेपी के लिए 2018 का साल काफी अच्छा रहा. पूर्वोत्तर के त्रिपुरा में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत मिली. 2014 से अब तक 22 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए जिनमें से 15 राज्यों में बीजेपी सत्ता में आई. अगर कर्नाटक में बीजेपी सत्ता में आई तो 21 राज्यों में एनडीए की सरकार बन जाएगी.

आपको यहां बता रहे हैं 2014 से अब तक हुए विधानसभा चुनावों के बारे में जिसके सहारे आप जान पाएंगे कि किस चुनाव में कौन सी पार्टी जीती और किसे हार का सामना करना पड़ा.

2018

  1. कर्नाटक- 224 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में 222 पर चुनाव हुए हैं. यहां बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी 100 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि यहां उसकी सरकार बनेगी.
  2. त्रिपुरा- इस साल फरवरी में त्रिपुरा में विधानसभा चुनावों में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत मिली. 59 सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने यहां से लेफ्ट का सूपड़ा साफ कर दिया. इस चुनाव में बीजेपी को 36 सीटें मिली, वहीं सीपीएम यहां 16 सीटों पर सिमट गई. IPFT को इस चुनाव में 8 सीटें मिलीं. बीजेपी ने यहां सरकार बनाए जाने का पूरा श्रेय पीएम मोदी को दिया. 2013 के चुनाव में बीजेपी ने त्रिपुरा में 50 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 49 की जमानत जब्त हो गई थी. मात्र 1.87 फीसदी वोट मिलने के कारण यह पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. 2013 के विधानसभा चुनाव में सीपीएम को 49 और सीपीआई को एक सीट पर जीत मिली थी. कांग्रेस पार्टी को 10 सीटों पर जीत मिली थी.
  3. मेघालय- इसी साल मार्च में मेघायल विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए. 59 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 21 सीटें हासिल की. वहीं, 19 सीटों पर जीत के साथ नेशनल पीपुल्स पार्टी दूसरे स्थान पर रही. मेघालय में बीजेपी केवल दो सीटों पर सिमट कर रह गई थी. वहीं, यूडीपी को 6 सीटों पर जीत मिली. इसके अलावा अन्य के खाते में 11 सीटें गईं. यहां पर नेशनल पीपुल्स पार्टी के कोनराड संगमा ने बाकी पार्टियों के समर्थन से सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने.
  4. नागालैंड- इसी साल फरवरी में नागालैंड में विधानसभा चुनाव हुए. 60 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी ने एनडीपीपी के साथ गंठबंधन किया और उसे इसका फायदा भी मिला. राज्य में बीजेपी और उसकी सहयोगी दल एनडीपीपी ने मिलकर 27 सीटों पर अपना कब्जा जमाया. इसमें बीजेपी ने 11 सीटें और एनडीपीपी ने 16 सीटें जीतीं. वहीं एनपीएफ ने 27 सीटों पर जीत हासिल की. जेडीयू ने इस चुनाव में एक सीट और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीएफ) ने दो सीटों पर कब्जा जमाया. इसके बाद एनडीपीपी ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई. एनडीपीपी के वरिष्ठ नेता नेफ्यू रियो यहां के मुख्यमंत्री बने.

2017

  1. पंजाब- सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर कांग्रेस 10 सालों के अंतराल के बाद पंजाब में सत्ता में आयी. पार्टी  ने विधानसभा की 117 सीटों में से 77 सीटों पर कब्जा जमाया. वहीं सत्तारूढ़ शिअद-बीजेपी को 18 सीटें मिली. इसके अलावा पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी आप ने 20 सीटें जीतीं जबकि दो सीटें नयी पार्टी और आप की सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी को मिली. विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह के चेहरे पर ही कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था. लेकिन जीत का सेहरा राहुल गांधी के सिर पर बांधा गया. कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य के सीएम हैं.
  2. यूपी- 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने धमाकेदार जीत दर्ज की. 11 फरवरी 2017 से 8 मार्च के बीच यहां सात चरणों में चुनाव हुए. बीजेपी को यहां इतनी सीटें मिलीं जितनी कि किसी को भी उम्मीद नहीं थी. बीजेपी यहां 384 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसे 312 सीटों पर जीत हासिल हुई. यूपी में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं. सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी इस चुनाव में 47 सीटों पर सिमट गई. बीएसपी को इस चुनाव में 19 सीटें मिली और कांग्रेस को सिर्फ 7 सीटें मिलीं. बता दें कि  साल 2012 में समाजवादी पार्टी ने 224 सीटें, बहुजन समाजपार्टी ने 80 सीटें, बीजेपी ने 47 सीटें और कांग्रेस ने 28 सीटें जीती थी. इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा था.  इस चुनाव में मोदी का जलवा ऐसा दिखा कि 47 सीटें जीतने वाली बीजेपी सीधे 312 सीटों पर पहुंच गई. एनडीए को इस चुनाव में कुल 325 सीटें मिलीं.  इसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने.
  3. गोवा- गोवा में विधानसभा की कुल 40 सीटों पर चार फरवरी 2017 को चुनाव हुए और 11 मार्च को नतीजे घोषित हुए. इस चुनाव में बीजेपी ने 13 सीटें जीतीं और कांग्रेस ने 17 सीटें पाईं. ज्यादा सीटें होने के बावजूद कांग्रेस यहां सरकार नहीं बना पाई. बीजेपी ने यहां क्षेत्रिय पार्टियों का समर्थन लेकर सरकार बनाई. इस चुनाव में बीजेपी को सीटों के मामले में नुकसान उठाना पड़ा. इससे पहले बीजेपी के पास 21 सीटें, कांग्रेस के पास 9 सीटें और बाकी छोटी क्षेत्रीय पार्टियों के पास 10 सीटें थीं.
  4. उत्तराखंड - उत्तराखंड में सत्तारुढ़ कांग्रेस को बीजेपी ने करारी मात दी. 70 विधानसभा सीटों में बीजेपी ने 57 सीटें जीतीं. कांग्रेस को सिर्फ 11 सीटें मिली. बता दें कि 2012 में बीजेपी ने 31 सीटें, कांग्रेस ने 32 सीटें, बीएसपी ने तीन सीटें और 4 पार्टियों ने चार सीटें जीती थीं.
  5. मणिपुर- 60 विधानसभा सीटों वाले मणिपुर में कांग्रेस बड़ी पार्टी बनकर उभरी. कांग्रेस ने 28 सीटें जीतीं तो बीजेपी के हिस्से 21 सीटें आईं. वहीं अन्य के खाते में 10 सीटें गईं. यहां पर किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ. इस चुनाव में बीजेपी को न बहुमत मिला और न ही सबसे बड़ी पार्टी बन पाई लेकिन बाकी दलों के साथ मिलकर बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा जुटा लिया. ये दूसरा राज्य है जहां पर बहुमत ना होने के बावजूद बीजेपी ने सरकार बना लिया. इसके बाद एन बीरेन सिंह यहां के मुख्यमंत्री बने. साल 2012 में मणिपुर कांग्रेस को 42 सीटें, टीएमसी को 7 सीटें, नागा पीपुल्स फ्रंट को 4 सीटें, एनसीपी को 1 सीट, लोक जन शक्ति पार्टी को 1 सीट और मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी को 5 सीटें मिली थीं.
  6. हिमाचल प्रदेश- हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 44 सीटें जीतकर स्‍पष्‍ट बहुमत हासिल किया. वहीं कांग्रेस को 21 सीटों से संतोष करना पड़ा. सीपीएम ने एक सीट जीती और दो सीटों पर निर्दलीय उम्‍मीदवारों को जीत मिली. इतनी सीटों पर जीत के बाद बीजेपी को आलोचना का सामना करना पड़ा क्योंकि यहां बीजेपी के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को हार का सामना करना पड़ा था.
  7. गुजरात- गुजरात में नौ दिसंबर और 14 दिसंबर 2017 को दो चरणों में वोटिंग हुई. 18 दिसंबर को नतीजे आए. 182 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 99 सीटें जीतीं. वहीं कांग्रेस के खाते में 77 सीटें आईं. एनसीपी को एक और भारतीय ट्राइबल पार्टी को दो सीटें मिलीं. वहीं, तीन सीटों पर निर्दलीय जीते हैं. राज्य में साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 115 और कांग्रेस को 61 सीटें हासिल हुई थीं. इस चुनाव में कांग्रेस को बढ़त हासिल हुई.  वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 49.1 फीसदी और कांग्रेस को 41.5 फीसदी वोट मिले. पीएम मोदी के गृहराज्य में बड़ी मुश्किल से मिली इस जीत के बाद विजय रुपाणी सीएम पद पर बरकरार रहे.

2016

  1. तमिलनाडु- तमिलानडु का चुनाव AIADMK ने जीता था. तब जे जयललिता के हाथों में पार्टी की कमान थी और पार्टी ने 134 से ज़्यादा सीटें जीती थीं. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके ने 98 सीटें जीती थीं. राज्य में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 235 हैं.
  2. पश्चिम बंगाल- पश्चिम बंगाल में 2016 में हुए चुनाव को ममता बनर्जी ने जीता था और राज्य में 34 सालों तक शासन करने वाली लेफ्ट को लगातार दूसरे विधानसभा चुनाव में मुंह की खानी पड़ी थी. ममता की पार्टी टीएमसी ने 211 सीटें जीती थीं. वहीं, लेफ्ट को महज़ 28 सीटें मिली थीं. कांग्रेस+ ने राज्य में 44 सीटें जीती थीं. राज्य में विधानसभा की कुल 295 सीटें हैं. इस जीत ने ममता की पार्टी टीएमसी की जड़ों को बंगाल में और पुख्ता किया.
  3. केरल- ये इकलौता राज्य है जहां देश में लेफ्ट की सरकार बची है. 2016 में हुए चुनावों में लेफ्ट के गंठबंधन एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) ने यहां 91 सीटें जीतीं और सरकार बनाई. वहीं कांग्रेस गठबंधन यूडीएफ ने राज्य में 47 सीटें जीतीं और बीजेपी राज्य में खाता भी नहीं खोल पाई. राज्य के सीएम पिनाराई विजन हैं.
  4. पुदुच्चेरी- इस केंद्र शासित प्रदेश में हुए चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली. 30 सीटों वाली विधानसभा में पार्टी ने 15 सीटें हासिल कीं, वहीं इससे जुड़े गठबंधन को कुल 17 सीटें हासिल हुईं. वहीं AINRC को आठ सीटें हासिल हुईं. राज्य के सीएम नारायणसामी हैं.
  5. असम- असम में हुए 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के तरुण गोगोई के 15 सालों का साशन समाप्त हुआ. वहीं ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए यहीं से बीजेपी ने नॉर्थ ईस्ट में अपना खाता खोला और फिर रुकने का नाम नहीं लिया. 126 विधानसभा सीटों वाले राज्य में बीजेपी+ को 86 सीटें मिलीं, वहीं कांग्रेस को महज़ 26 सीटें मिलीं और AIUDF को महज़ 16 सीटें हासिल हुईं. सबार्नंद सोनोवाल को राज्य का सीएम बनाया गया.

2015

  1. दिल्ली- 2014 के आम चुनावों में मिली भारी जीत के बाद 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली. 70 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 3 सीटें मिली. वहीं आम आदमी पार्टी ने यहां कुल 67 सीटें जीतीं. इसके बाद अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. कांग्रेस को इस चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी.
  2. बिहार- बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने साथ में मिलकर चुनाव लड़ा. इस चुनाव में 243 सीटों में से महागठबंधन ने 178 सीटों के साथ बंपर जीत हासिल की. आरजेडी को 80, जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं. वहीं एनडीए को हार का सामना करना पड़ा. एनडीए को इस चुनाव में सिर्फ 58 सीटें हीं मिलीं. लालू की पार्टी आरजेडी से कम सीटें जीतने के बाद भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और तेजस्वी यादव उप-मुख्यमंत्री बने. जुलाई 2017 में तेजस्वी यादव पर करप्शन का केस लगने के बाद नीतीश ने आरजेडी से नाता तोड़ लिया. नीतीश ने पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और इसके बाद बीजेपी से मिलकर फिर सरकार बना ली और फिर एक बार राज्य के मुख्यमंत्री बन गए.

2014-

  1. झारखंड- 2014 में झारखंड में विधानसभा चुनाव हुए. 81 सीटों के लिए यहां 25 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में चुनाव हुए. 23 दिसंबर 2014 को नतीजो आए. बीजेपी ने इस चुनाव में 37 सीटों पर जीत हासिल की. पहली बार ऐसा हुआ कि बीजेपी ने यहां 35 से ज्यादा सीटें जीतीं. एनडीए ने इस राज्य में कुल 42 सीटों पर धमाकेदार जीत दर्ज की. वहीं इस राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा 19 और कांग्रेस 6 सीटों पर सिमट गई. बीजेपी के रघुबर दास को राज्य का सीएम बनाया गया.
  2. हरियाणा- 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा चुनाव में भी बीजेपी ने जीत 47 सीटों पर जीत हासिल की. इंडियन नेशनल दल को यहां 19 सीटों, कांग्रेस को 15 सीटों और अन्य को 9 सीटों पर जीत हासिल हुई. राज्य का सीएम बीजेपी के मनोहर लाल खट्टर को बनाया गया.
  3. जम्मू कश्मीर- 87 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ा. इसमें बीजेपी को 25 और पीडीपी 28 सीटें मिलीं. विचारधार के फ्रंट पर बिल्कुल अलग ध्रुवों पर खड़ी दोनों पार्टियों ने मिलकर यहां सरकार बनाई और महबूबा मुफ्ता मुख्यमंत्री बनीं. इससे पहले 2010 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को राज्य में सिर्फ 11 सीटें मिली थीं. वहीं, 28 सीटों वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस 2014 में 15 सीटों पर सिमटकर रह गई. 2010 में 17 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को 2014 में 12 सीटें मिलीं. महबूबा मुफ्ती को राज्य का सीएम बनाया गया.
  4. महाराष्ट्र- 288 सीटों वाले राज्य के इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. इस चुनाव में बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीटें मिलीं. दोनों ने सरकार का गठन किया और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने.
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