नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य और केंद्र सरकारों के मुखिया के तौर पर आज अपने 20 साल पूरे कर लिए हैं. आज ही के दिन 20 साल पहले 2001 में नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यंत्री के पद की शपथ ली थी. वह गुजरात के लिए बेहद कठिन समय था. भूकंप ने पूरे गुजरात में भयंकर तबाही मचाई थी. लेकिन नरेंद्र मोदी ने गुजरात में विकास का ऐसा दौर शुरू किया कि देशभर के लोगों की आंखों में एक बेहतर देश बनाने का सपना बस गया.
गुजरात में मोदी के कार्यों और उपलब्धियों को देखकर उनके नेतृत्व की मांग देशभर में उठने लगी. आखिरकार साल 2013 में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया. 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की. पहली बार मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला. इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल हुआ.
नए भारत का उदय
सत्ता में आने का बाद नरेंद्र मोदी ने गरीबों और जरूरतमंदों के लिए जनधन योजना, मुद्रा योजना, जन सुरक्षा योजना, उज्ज्वला योजना, उजाला योजना, पीएम आवास योजना, सौभाग्य योजना, आयुष्मान भारत, पीएम-किसान जैसी अनेक योजनाओं का शुभारंभ किया. यही नहीं, दुनियाभर में भारत की छवि को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया.
बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में कई बड़े फैसले लिए हैं, जिनके लिए शायद उन्हें कई दशकों तक जाना जाएगा. संविधान के अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से निष्प्रभावी कर दिया, तीन तलाक की कुप्रथा से मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई. इसके अलावा कई सालों चले आ रहे राम मंदिर विवाद का कानूनी तौर पर समाधान हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया.
हालांकि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते एनडीए के दो पुराने साथी शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) अलग हो गए. महाराष्ट्र की स्थानीय पार्टी शिवसेना पिछले साल राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी से विवाद के बाद एनडीए से अलग हो गई थी. और शिरोमणि अकाली दल अभी हाल ही में किसान बिल को लेकर मतभेद के बाद अपना अलग रास्ता चुना है.