नई दिल्ली: कैबिनेट ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दी है. सूत्रों के मुताबिक सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए कोटा मौजूदा 50 फीसदी आरक्षण से अलग होगा. सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कोटा पर संविधान संशोधन विधेयक कल संसद में ला सकती है. लोकसभा चुनाव से कुछ महीनों पहले सरकार के इस निर्णय से सवर्णों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. इससे ब्राह्मण, ठाकुर, भूमिहार, कायस्थ, बनिया, जाट गुर्जर आदि को लाभ मिलेगा.


आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णों के लिए आरक्षण की मांग काफी पुरानी है. करीब 17 साल पहले पहली बार ऐसी मांग रखी गई थी.


इन लोगों को किया जाएगा शामिल
* इसमें उन लोगों को शामिल किया जाएगा जिनकी सालाना आय 8 लाख से कम हो.
* 5 एकड़ तक ज़मीन हो.
* रहने का मकान 1,000 स्क्वायर फीट से कम हो.
* रिहायशी प्लॉट अगर शहरी श्रेत्र में आता है तो वह 100 यार्ड से कम हो.
* रिहायशी प्लॉट शहरी क्षेत्र के बाहर हो तो यह 200 यार्ड से कम होना चाहिए.


लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा फैसला, आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा


इसके लिए संविधान संशोधन लाया जाएगा और संविधान की धारा 15-16 में बदलाव होगा. धारा 15 के तहत शिक्षण संस्थानों में आरक्षण मिलेगा. धारा 16 के अंतर्गत रोजगार में आरक्षण मिलेगा. कल ही सरकार लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश करेगी.


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