रविशंकर प्रसाद ने दी बयान पर सफाई, कहा- हमारे लिए वोट बैंक मापदंड नहीं
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने 'मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं देते' वाले बयान पर विवाद बढ़ने के बाद ट्वीट करके सफाई पेश की है. रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि मोदी सरकार की प्राथमिकता विकास है फिर वो चाहे हिंदू-मुस्लिम, ईसाई या फिर वंचित वर्ग हो हम सभी के विकास में यकीन करते हैं.
अपने ट्वीट के जरिए आईटी मंत्री ने कहा, ''मेरा पक्ष बिलकुल स्पष्ट है, मोदी सरकार समावेशी समाज में विश्वास रखती है और भारत की अनेकता में एकता की संस्कृति का सम्मान करती है. मोदी सरकार की प्राथमिकता विकास है फिर वो चाहे हिंदू-मुस्लिम, ईसाई या वंचित वर्ग हो हम सभी के विकास में यकीन करते हैं. हम विकास के लिए वोट बैंक को मापदंड नहीं मानते.
उन्होंने आगे ट्वीट मे लिखा कि ''मुझे अलवर के रहने वाले इमरान खान पर गर्व है जिसके आईटी के काम का जिक्र पीएम मोदी ने लंदन में अपने भाषण में किया था. मैं सलाम करता हूं चाय बागान में काम करने वाले करीम-उल-हक को जिसकी एंबुलेंस सेवा के कारण पीएम मोदी ने उन्हें पद्म सम्मान दिया.
आपको बता दें कि शुक्रवार को एक कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं देते हैं लेकिन फिर भी बीजेपी मुस्लिमों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं करती है.
रविशंकर प्रसाद का बयान रविशकंर प्रसाद ने कहा, “हमें कभी मुस्लिम वोट नहीं मिलते. हम इस बात को पूरी स्पष्टता से स्वीकार करते हैं लेकिन हमने उन्हें पूरी पवित्रता से स्वीकार किया है या नहीं? बीजेपी के 13 मुख्यमंत्री हैं. हम देश पर शासन कर रहे हैं, क्या हमने किसी नौकरीपेशा या व्यापार करने वाले सज्जन मुसलमान को प्रताड़ित किया है? क्या हमने उन्हें काम से हटाया है?”
गिरिराज सिंह बोले- बिल्कुल सही कहा
जब से ये बयान आया है लगातार विपक्ष इसे लेकर बीजेपी पर निशाना साध रहा है. वहीं बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने रविशंकर प्रसाद का बचाव किया है और उनके समर्थन में उतर गए हैं. गिरिराज सिंह ने कहा कि 'रविशंकर प्रसाद ने जो भी कहा है बिलकुल सही कहा है. आप लोग इसे विवादित कह रहे हैं लेकिन सच बदल नहीं जाता.'
एबीपी न्यूज से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, ''रविशंकर जी ने कुछ गलत तो नहीं कहा, देश के हालात तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले लोगों ने क्या बना रखा है? कश्मीर में बाढ़ आए तो सेना बचाए और उसी सेना के पीठ पर पत्थर मारे जाएं, गोलियां चलाई जाएं. इसके खिलाफ बोलने पर उस व्यक्ति के खिलाफ आवाजें उठें तो मुझे लगता है रविशंकर प्रसाद ने जो कहा सही कहा. जब ऐसी बातें होती हैं तो समग्रता में होती है. रवि बाबू ने कही कहा है जो समाज में दिख रहा है. आपके गलत या विवादित बयान बोलने से सच्चाई बदल नहीं जाएगी.
विपक्ष ने उठाए इस बयान पर सवाल रविशंकर के बयान को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के नेता शकील अहमद ने कहा है कि ‘अगर मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं देते तो मुख्तार अब्बास नकवी, एमजे अकबर, शाहनवाज हुसैन नेताओं को पार्टी ने क्यों रखा है?’ असदुद्दीन ओवैसी ने रविशंकर प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘संविधान ने हमें अधिकार दिया है, आपने नहीं दिए है अगर हम यहां पर अपने अधिकार प्राप्त कर रहें है तो आपके रहमो कर्म पर नहीं.’ सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी रविशंकर प्रसाद के बयान पर आपत्ति जताई है, येचुरी का कहना है कि कोई मंत्री नहीं देश का संविधान सबको समान हक देता है. तो वहीं मोदी समर्थक कारोबारी और मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर जफर सरेशवाला का कहना है कि मुसलमान बीजेपी को वोट करता है लेकिन कम करता है. हिंदुस्तान की राजनीति में लंबे अर्से तक बीजेपी को मुस्लिमों का विरोधी बताकर वोटबैंक की राजनीति होती रही है लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव और यूपी विधानसभा चुनाव के बाद कई मुसलमानों ने खुलकर दावा किया था को उन्होने बीजेपी के पक्ष में वोट दिया है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने भी इन मुस्लिम चेहरों के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश की है लेकिन केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उनके विश्वास पर सवालिया निशान लगा दिया है.