नई दिल्ली: मनरेगा मज़दूरों को मोदी सरकार जल्द एक खुशखबरी देने वाली है. सरकार मनरेगा की नियमावली में बदलाव की तैयारी कर रही है. बदलाव से उन मनरेगा मज़दूरों को फ़ायदा होगा जो सरकार की ओर से चलाए जा रहे कौशल विकास प्रोग्राम के तहत ट्रेनिंग लेना चाहते हैं.


अभी है ये समस्या


मोदी सरकार ने 2015 ग्रामीण इलाकों में रहने वाले सभी मज़दूरों के लिए एक कौशल विकास योजना की शुरुआत की थी. जिसका नाम दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना दिया गया था. इस योजना के तहत मनरेगा मज़दूर भी कारपेंटर , ड्राइवर या प्लम्बर जैसे किसी हुनर की ट्रेनिंग ले सकता है. अभी तक होता ये है कि जब कोई मनरेगा मज़दूर दीन दयाल योजना के तहत कौशल विकास की ट्रेनिंग लेता है तो उसे अपनी मनरेगा मज़दूरी होने वाली आय से हाथ धोना पड़ता है. ऐसे में उसे अपने परिवार की देखभाल करना मुश्किल हो जाता है.


क्या होगा बदलाव ?


लेकिन अब मोदी सरकार मनरेगा नियम में बदलाव कर मज़दूरों की इस दिक्कत को दूर करने जा रही है. अगर कोई मनरेगा मज़दूर दीन दयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना के तहत ट्रेनिंग लेता है तो ट्रेनिंग के कुल दिनों के एवज में उसे मनरेगा की मजदूरी मिलती रहेगी. उदाहरण के लिए , अगर कोई मज़दूर 45 दिनों की ट्रेनिंग लेता है तो उसे इन 45 दिनों का मनरेगा मज़दूरी का पैसा भी मिल पाएगा. मनरेगा का संचालन करने वाले ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि सरकार का मकसद मनरेगा मज़दूरों को कौशल विकास की ट्रेनिंग के लिए प्रोत्साहित करना है.


चुनिंदा जगहों पर पहले शुरू होगा स्कीम


सूत्रों के मुताबिक़ ये स्कीम शुरुआत में सभी राज्यों के चुनिंदा ग्राम पंचायतों में शुरू की जाएगी. इसका परिणाम देखने के बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. सूत्रों का दावा है कि योजना के लिए सरकार के पास पर्याप्त पैसा है और अगर ज़रूरत पड़ी तो ग्रामीण विकास मंत्रालय वित्त मंत्रालय से अतिरिक्त पैसा भी मांगेगा.


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