Swachhata Abhiyan 2.0: मोदी सरकार (Modi Government) ने गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) यानि 2 अक्टूबर से सरकारी कार्यालयों (Government Offices) में स्वच्छता का विशेष अभियान (Swachhata Abhiyan) चला रखा है जो 31 अक्टूबर तक चलेगा. अभियान के तहत सरकारी कार्यालयों में इलेक्ट्रॉनिक कचरा और बेकार पड़ी सरकारी फाइलों को नष्ट करने का काम किया जा रहा है. इस अभियान को लेकर बेहद चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं.


अभियान का संचालन कर रहे कार्मिक मंत्रालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक़ केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों में कचरे के निष्पादन से सरकार को अब तक 252 करोड़ रुपये की आमदनी हो चुकी है. अभियान 31 अक्टूबर तक जारी रहेगा इसलिए ये आंकड़ा अभी और बढ़ने की उम्मीद है. पिछले साल चले इसी तरह के अभियान में सरकार ने कचरा बेचकर 62 करोड़ रुपये कमाए थे.


इलेक्ट्रॉनिक कचरा भी शामिल


कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक़ कंप्यूटर और अन्य तरह के इलेक्ट्रॉनिक कचरे के अलावा सरकारी दफ्तरों में बेकार हो चुकी फाइलों को भी हटाया जा रहा है. इसके तहत अब तक केवल केंद्रीय सचिवालय में 40 लाख से ज़्यादा फाइलों को नष्ट किया जा चुका है. इनमें क़रीब 31 लाख ई फाइल्स जबकि 8 लाख से ज़्यादा कागजों वाली फाइलें हैं.


कचरा साफ होने से 37.19 लाख वर्ग फीट जगह खाली


एक और चौंकाने वाली बात ये रही कि कचरे को साफ़ करने से दफ्तरों में 37.19 लाख वर्ग फीट जगह खाली हुई है जिसका इस्तेमाल अलग-अलग चीजों के लिए किया जा रहा है. इनमें लाइब्रेरी और कैंटीन के निर्माण से लेकर सुंदरीकरण का काम भी शामिल है. गांधी जयंती के दिन शुरू हुआ ये स्वच्छता अभियान सरकार पटेल की जयंती यानि 31 अक्टूबर तक चलेगा. केंद्र सरकार के दफ्तरों और इकाइयों के अलावा ये अभियान सभी राज्य सरकारों और राज भवनों तक में चलाया जा रहा है.


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