दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को आज मिल सकती है खुशखबरी
आज मोदी सरकार दिल्ली के अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को तोहफा दे सकती है. सरकार आज इन कॉलोनियों को नियमित करने से जुड़े एक बिल को मंजूरी दे सकती है.
नई दिल्ली: दिल्ली की करीब 1800 अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की दिशा में आज एक अहम फैसला हो सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आज मोदी सरकार इन कॉलोनियों को नियमित करने से जुड़े एक बिल को मंजूरी दे सकती है. इस बिल को कैबिनेट बैठक में मंज़ूरी मिल सकती है.
कैबिनेट बैठक में मिल सकती है मंज़ूरी
आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है. बैठक में अन्य मामलों के अलावा दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने वाले एक विधेयक को हरी झंडी मिलने की संभावना है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक़ शहरी विकास मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए विधेयक में इन कालोनियों को नियमित करने का पूरा खाका तैयार किया गया है. बिल के प्रावधानों में सम्पति की रजिस्ट्री में कुछ छूट के साथ साथ इनकम टैक्स देनदारी में एक बार की रियायत जैसे विषय शामिल हैं. अगर मोदी कैबिनेट बिल को मंजूरी दे देती है तो इसे इसी हफ़्ते संसद में पेश भी कर दिए जाने की संभावना है.
आम आदमी पार्टी ने लगाया था आरोप
अगले साल फरवरी में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने का मुद्दा बड़ा सियासी मुद्दा भी है. दो दिनों पहले ही दिल्ली की गद्दी पर काबिज़ आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया था. पार्टी ने तीन दिनों पहले शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की तरफ से पेश किए जाने वाले बिलों की सूची का हवाला देकर कहा था कि इस सूची में इन कॉलोनियों को नियमित करने वाला बिल शामिल नहीं किया गया है जबकि केंद्र सरकार और बीजेपी ने इसका वादा किया था. आम आदमी पार्टी ने इस मसले पर विरोध प्रदर्शन की धमकी भी दी थी. ज़ाहिर है अगर आज इसे कैबिनेट की मंज़ूरी मिलती है तो बीजेपी को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार पर पलटवार करने का मौक़ा मिल जाएगा.
23 अक्टूबर को मोदी सरकार ने किया था ऐलान इससे पहले एक बड़ा सियासी पैंतरा चलते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने दिल्ली की 1797 अनाधिकृत और ग़ैर कानूनी कॉलोनियों को क़ानूनी बनाने का फ़ैसला किया था. मोदी सरकार ने इसके लिए संसद से एक कानून बनाने का भी फैसला किया था. अब शहरी विकास मंत्रालय ने बिल तैयार कर लिया है जिसे आज मोदी कैबिनेट की मंज़ूरी मिल सकती है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अगर संसद से भी ये बिल पारित हो जाता है तो इन कॉलोनियों में रहने वाले क़रीब 40 लाख लोगों को न सिर्फ़ इन मकानों का मालिकाना हक मिल सकेगा बल्कि बिजली , पानी और सीवर जैसी बुनियादी सुविधाओं के भी हक़दार हो जाएंगे.