नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने एयर इंडिया को बेचने के लिए एक बार फिर कोशिश की है. इसके लिए खरीदारों को बोली लगाने के लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. आज से ही इसकी शुरुआत हो गई. बोली लगाने के लिए 17 मार्च तक की समय सीमा तय की गई है. नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पूरी ने बताया, सरकार ने एयर इंडिया को पूरी तरह यानि उसकी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है. सरकार को उम्मीद है कि 31 मार्च को खत्म हो रहे वित्तीय वर्ष तक नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और एयर इंडिया के नए मालिक का नाम पता चल जाएगा.
ब्रांड का नाम ' एयर इंडिया ' ही रहेगा
सरकार के फैसले के मुताबिक खरीदार चाहे कोई भी हो, लेकिन ब्रांड का नाम एयर इंडिया बना रहेगा. सरकार के मुताबिक एयर इंडिया का कुल घाटा 60000 करोड़ रुपया हो चुका है. 2018 में भी सरकार ने एयर इंडिया को बेचने की कोशिश की थी लेकिन कोई खरीदार आगे नहीं आया. अब सरकार ने नीलामी की शर्तों में कुछ अहम बदलाव किया है.
नीलामी की शर्तों में किया बदलाव
पहले जहां सरकार ने 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया था वहीं अब 100 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी. सरकार ने पहले कंपनी का पूरा कर्ज़ और देनदारी खरीदार को ट्रांसफर करने की शर्त रखी थी अब उसमें ढील दी गई है. अब केवल 32000 करोड़ देनदारी ट्रांसफर की जाएगी लेकिन इसके साथ ही कंपनी की सम्पति भी ट्रांसफर की जाएगी.
सरकार ने दावा किया है कि कंपनी के कर्मचारियों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा. सरकार और कर्मचारी संगठन के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है. फिलहाल एयर इंडिया में करीब 17000 कर्मचारी कार्यरत हैं. जिसमें लगभग 9000 कर्मचारी स्थाई हैं.
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