नई दिल्ली: बिजली उपभोक्ताओं के लिए मोदी सरकार ने आज एक बड़ा फ़ैसला किया. बिजली क्षेत्र में दी जाने वाली अलग अलग सेवाओं के लिए पहली बार सरकार ने समय सीमा तय की है. समयसीमा में काम नहीं करने पर बिजली वितरण कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा जो कम से कम एक लाख रुपये तय किया गया है.


अगर आप लखनऊ और पटना जैसे शहरों में रहते हैं और अपने घर के लिए नया बिजली कनेक्शन लेना चाहते हैं, तो अब आपको बिजली विभाग के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. आपको अब घर बैठे नया बिजली कनेक्शन मिल जाएगा. ये संभव हुआ है बिजली मंत्रालय के एक आदेश से, जिसे बिजली क़ानून 2003 के तहत जारी किया गया है. आदेश में उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सेवाओं के लिए समयसीमा तय कर दी गई है.


महानगरों में नया बिजली कनेक्शन 7 दिनों में, अन्य शहरों में 15 दिनों में, जबकि ग्रामीण इलाक़ों में 30 दिनों में देना अनिवार्य बनाया गया है. ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी रहेगी और आवेदन करने के साथ ही समयसीमा की गिनती भी शुरू हो जाएगी.


सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा, "लोगों को चक्कर काटना पड़ता है. चूंकि बिजली वितरण के क्षेत्र में एकाधिकार है. यानी उपभोक्ताओं के पास वितरण कंपनी चुनने का कोई विकल्प नहीं है, इसलिए ये बेहद ज़रूरी है."


इसके अलावा मीटर में ख़राबी आने, बिजली लोड में परिवर्तन कराने, लोड शेडिंग और खराब ट्रांसफॉर्मर बदलने जैसी सेवाओं को भी इस आदेश में शामिल किया गया है. इन सेवाओं के लिए समयसीमा तय करने की ज़िम्मेदारी राज्य बिजली नियामक आयोग को सौंपी गई है. आयोग को ये काम 60 दिनों के भीतर करने को कहा गया है.


तय समयसीमा के भीतर काम नहीं करने पर बिजली वितरण कंपनी को कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा. इतना ही नहीं, जैसे-जैसे समय बढ़ेगा, प्रतिदिन 6000 रुपये की दर से अतिरिक्त जुर्माना भी देना पड़ेगा.


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