नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते वित्त मंत्रालय ने सभी सरकारी बैंकों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान फिजूलखर्ची से बचने और अपने ख़र्चों में कटौती करने का निर्देश दिया है. बैंकिंग विभाग की ओर से जारी निर्देश में बैंकों के कामकाज में इस साल 20 फीसदी कटौती करने को कहा गया है. बैंकों से कहा गया है कि वो अपने मनोरंजन और विज्ञापनों पर होने वाले ख़र्चे में कटौती करें. विज्ञापन के लिए सोशल मीडिया और प्रेस विज्ञप्तियों का ज़्यादा इस्तेमाल करने को कहा गया है. इसके अलावा यात्राओं की जगह बैठकों के लिए डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करने और अगर ज़रूरी हो तो बैंकों के आंतरिक ढांचा का इस्तेमाल करने के लिए भी कहा गया है.
केवल ज़रूरी चीजों पर ही खर्च करें
बैंकों से भविष्य में होने वाले उन खर्चों को भी टालने के लिए कहा गया है, जो बिल्कुल ज़रूरी न हों, जैसे कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए नई कारों की ख़रीद. साथ ही, साज-सज्जा से जुड़े और गैर-ज़रूरी सामानों की ख़रीद पर भी इस साल रोक लगाने को कहा गया है. इसके अलावा बैंकों के जो गेस्ट हाउस होते हैं उन्हें रंग रोगन करवाने तक से बचने का निर्देश जारी किया गया है.
कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं में संशोधन नहीं
हालांकि इस निर्देश में बैंक कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है. बैंकों से कहा गया है कि इस साल कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं और हकदारी को बढ़ाया नहीं जाए. इन सुविधाओं में फर्नीचर और गाड़ी जैसी सुविधाएं शामिल हैं. किराए के मकान में रहने वाले कर्मचारियों को लीज या किराए के बदले मील वाले पैसे में भी इस साल बढोत्तरी नहीं करने का निर्देश दिया गया है.
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