देश में अब सूर्यास्त के बाद भी शवों का पोस्टमार्टम हो सकेगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को जानकारी दी कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैसला किया है कि जिन अस्पतालों के पास रात को पोस्टमार्टम करने की सुविधा है, वो अब सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमार्टम कर पाएंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के समय की व्यवस्था खत्म हो गई है.
नए प्रोटोकॉल में कहा गया है कि अंगदान के लिए पोस्टमार्टम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए और सूर्यास्त के बाद भी उन अस्पतालों में किया जाना चाहिए, जिनके पास नियमित आधार पर इस तरह के पोस्टमॉर्टम करने के लिए बुनियादी ढांचा है. अपने इस फैसले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि किसी भी संदेह को दूर करने और कानूनी मकसद के लिए रात में सभी पोस्टमॉर्टम के लिए पोस्टमॉर्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी.
कब नहीं होगा रात में पोस्टमार्टम?
केंद्र सरकार ने इस बात की भी जानकारी दी है कि किन शवों का रात में पोस्टमार्टम नहीं होगा. फैसले के मुताबिक जब तक कानून-व्यवस्था की स्थिति न हो, तब तक हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, क्षत-विक्षत शव, जैसी केटेगरी के तहत रात के समय पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा. सरकार ने अपने इस नए फैसले के बारे में सभी संबंधित मंत्रालयों और विभागों, राज्य सरकारों को अधिसूचित कर दिया है.
इस संबंध में एक सूत्र ने कहा कि हाल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में एक तकनीकी समिति द्वारा सूर्यास्त के बाद पोस्टमॉर्टम संबंधी मुद्दे की पड़ताल की गई. बैठक के दौरान चर्चा की गई कि कुछ संस्थान पहले से ही रात के समय पोस्टमॉर्टम कर रहे हैं. आधिकारिक सूत्र ने कहा कि प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति और सुधार को देखते हुए, विशेष रूप से आवश्यक प्रकाश व्यवस्था और पोस्टमॉर्टम के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के चलते अस्पतालों में रात के समय अंत्य-परीक्षण करना संभव है.