किसानों का दिल्ली चलो मार्चः सिर्फ लीडर आगे बढ़ेंगे- बोले पंढेर, राउत ने कहा- केंद्र ने जलियांवाला बाग जैसे कर दिए हाल
Sanjay Raut on Farmers Protest: शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत लगातार किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं. किसानों ने बुधवार (21 फरवरी) को दिल्ली चलो मार्च का ऐलान किया है.
Farmers Protest: किसानों के दिल्ली चलो मार्च को लेकर बुधवार (21 फरवरी, 2024) को किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने साफ किया कि उन लोगों ने फैसला लिया है कि कोई भी किसान और युवा आगे मार्च में नहीं जाएगा. सिर्फ किसान नेता ही आगे जाएंगे और वे इस दौरान शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ेंगे. उन्होंने काह कि यह पूरा मामला न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाकर खत्म किया जा सकता है.
उधर, शिवसेना (यूबीटी) के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने बुधवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा- सरकार ने किसानों के साथ जालियांवाला बाग जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. ऐसा लगता है किसानों ने कोई मिसाइल तैनात कर दी हो. किसानों को पीस टाक (शांति वार्ता) नहीं बल्कि एमएसपी चाहिए. वह इस मुद्दे पर कई बार सरकार पर हमला बोल चुके हैं.
#WATCH | On the 'Delhi Chalo' march today, farmer leader Sarwan Singh Pandher says, "We've decided that no farmer, youth will march forward. Leaders will march ahead. We will go peacefully... All this can be ended if they (central govt) make a law on MSP..." pic.twitter.com/PFmVaKkY60
— ANI (@ANI) February 21, 2024
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान
दरअसल, हजारों किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली चलो मार्च शुरू किया था. लेकिन इन किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर ही रोक दिया गया था. यहां पर किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प देखने को मिली. इसके बाद से ही किसान हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी जैसी अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली चलो मार्च निकाल रहे हैं.
किसानों और सरकार के बीच चार दौर की वार्ता हो चुकी है. लेकिन इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है. सरकारी एजेंसियों के जरिए पांच साल तक दालें, मक्का और कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने प्रस्ताव भी दिया गया. मगर किसानों ने इसे ठुकरा दिया, जिसके बाद एक बार फिर से आंदोलन की शुरुआत की गई है. किसान शंभू बॉर्डर पार कर हरियाणा में एंट्री करना चाहते हैं, ताकि वे दिल्ली तक अपने मार्च को पूरा कर सकें.
शंभू बॉर्डर पर मचा बवाल
शंभू बॉर्डर पर मौजूद प्रदर्शनकारी किसानों ने सुबह 11 बजे अपने आंदोलन की शुरुआत की. इस दौरान हरियाणा पुलिस ने उन्हें काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे हैं. किसानों को तितर-बितर होते भी हुए देखा गया है. इस दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने प्रदर्शनकारी किसानों से कहा है कि वे आगे नहीं बढ़ें. वह पहले ही कह चुके हैं कि आगे सिर्फ किसान नेता ही जाएंगे. उन्होंने ये भी बताया है कि केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत का न्यौता दिया गया है.
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