'कश्मीर जैसे हरियाणा के हालात, हम तो आगे बढ़ेंगे, परिणाम के लिए सरकार होगी जिम्मेदार', किसान नेताओं का यह है प्लान
Farmers Protest News: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार हमें आगे बढ़ने नहीं दे रही है इसलिए हम तो मजबूरी में आगे बढ़ेंगे. जो कुछ भी परिणाम होंगे, उनके लिए भारत सरकार जिम्मेदार होगी.

Sarwan Singh Pandher on Farmer Protest: किसानों के 21 फरवरी, 2024 को प्रस्तावित दिल्ली चलो मार्च से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने प्रदर्शन के बीच आगे का प्लान बताया है. उन्होंने साफ कहा कि राष्ट्रीय राजधानी से सटे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित हरियाणा में फिलहाल कश्मीर जैसे हालात (जो पहले कश्मीर में हुआ करते थे) हैं. सरकार हमें आगे बढ़ने नहीं दे रही है इसलिए हम तो मजबूरी में आगे बढ़ेंगे. जो कुछ भी परिणाम होंगे, उनके लिए भारत सरकार जिम्मेदार होगी.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार की मंशा है कि हम लोगों को दिल्ली न जाने दिया जाए. अगर सरकार बल प्रयोग करेगी तो हमलोग सहेंगें. हम 21 को दिल्ली जाएंगे. प्रधानमंत्री को इस मामले में फौरन फैसला लेना चाहिए. सरकार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे. इसके अलावा किसानों पर दर्ज किए गए केस वापस ले.
#WATCH | On the 'Delhi Chalo' march scheduled for Feb 21, farmer leader Sarwan Singh Pandher says, "...The intention of the govt was very clear that they would not let us enter Delhi at any cost...If you don't want to find a solution through discussion with farmers then we should… pic.twitter.com/fjxp7nU92u
— ANI (@ANI) February 20, 2024
'400 किसान कैसे घायल हुए?'
सरवन सिंह पंढेर ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस और अन्य फोर्स की ओर से की जा रही सख्ती पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर बैरिकेड, कंक्रीट की बाउंड्री और कंटीले तार लगा दिए गए हैं. किसानों पर लगातार आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. क्या ये हिंसा नहीं है. बेशक स्टेट वायलेंस करे, ये उनकी मर्जी है. हम अपनी मांग मनवाना चाहते हैं. इधर किसान हैं, उधर जवान हैं. हमने पंजाब के सीएम भगवंत मान को बैठक में इसलिए शामिल किया था ताकि उन तक हमारी परेशानी जा सके. उनकी जमीन पर इंटरनेट नहीं चल रहा है. उनके राज्य की जमीन पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहें हैं. हरियाणा के डीजीपी कह रहे हैं कि आंसू गैस के गोले नहीं छोड़े हैं. अगर ऐसा है तो बॉर्डर पर 400 किसान कैसे घायल हो गए हैं.
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