PM मोदी ने की आंग सान सू की से मुलाकात, बोले- रोहिंग्या मुस्लिमों के पलायन से भारत भी चिंतित
आंग सान सू ची के साथ साझा बयान में पीएम मोदी ने कहा, ''शांति के लिए आप जिन चुनौतियों का सामना आप कर रहे हैं, वह हम समझते हैं.'' उन्होंने कहा, ''पड़ोसी देश होने के नाते सुरक्षा के क्षेत्र में हमारे हित एक जैसे हैं, इसलिए हमें मिलकर काम करना चाहिए.''
नाएप्यीडॉ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की म्यांमार यात्रा का आज दूसरा दिन है. पीएम मोदी ने आज स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची के साथ साझा बयान में रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा उठाया. बातचीत में पीएम मोदी ने रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि जल्द ही शांति से इसका समाधान निकला जा सकेगा.पीएम मोदी कल चीन से म्यांमार पहुंचे थे.
रोहिंग्या हैं अवैध आप्रवासी, उन्हें उनके मुल्क भेजा जाएगा: किरण रिजिजू
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि यहां मेरा इतनी गर्मजोशी से स्वागत हुआ है. मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे में अपने ही घर में हूं.
आंग सान सू ची के साथ साझा बयान में पीएम मोदी ने कहा, ''शांति के लिए आप जिन चुनौतियों का सामना आप कर रहे हैं, वह हम समझते हैं.'' उन्होंने कहा, ''पड़ोसी देश होने के नाते सुरक्षा के क्षेत्र में हमारे हित एक जैसे हैं, इसलिए हमें मिलकर काम करना चाहिए.''
बता दें कि भारत म्यांमार से पलायन करके आ रहे रोहिंग्या मुस्लिमों की हालत से चिंतित है. ऐसे करीब 40 हजार रोहिंग्या शरणार्थी अभी गैरकानूनी तौर पर भारत में रह रहे हैं. भारत सरकार उन्हें वापस भेजने की तैयारी कर रही है. मोदी ने सू की से मुलाकात के बाद कहा है कि हम चाहते हैं कि सभी पक्ष म्यामां की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को संरक्षित रखने की दिशा में काम करें. उन्होंने यह भी एलान किया कि भारत आने वाले म्यामां के नागरिकों को ग्रातिस (नि:शुल्क) वीजा उपलब्ध कराएगा.We share your concerns about extremist violence in Rakhine state&violence against security forces & how innocent lives have been affected-PM pic.twitter.com/Am3TdQPCPe
— ANI (@ANI) September 6, 2017
क्यों अहम है मोदी का म्यांमार दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के म्यांमार दौरे को दो वजहों से बहुत अहम माना जा रहा है. पहली वजह ये है कि चीन की बढ़ती दादागीरी के बीच भारत के लिए अपने पड़ोसी म्यांमार को अपने खेमे में मजबूती से बनाए रखना जरूरी है. भारत और म्यांमार की 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा उग्रवाद से जूझ रहे मणिपुर-नागालैंड से होकर गुजरती है. इस सीमावर्ती इलाके में उग्रवाद पर काबू पाने के लिए भी दोनों देशों में सहयोग बेहद ज़रूरी है.
म्यांमार में पीएम मोदी के क्या हैं खास कार्यक्रम
दोपहर 1 बजे- बागान के लिए रवाना होंगे
दोपहर 2.10 बजे- बागान के मंदिर में जाएंगे
दोपहर 3.05 बजे- बागान टावर जाएंगे
दोपहर 3.35 बजे- यांगून के लिए निकलेंगे
शाम 6.45 बजे- यांगून में भारतीय समुदाय के लोगों के बीच कार्यक्रम