PM Modi in Global South Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (13 जनवरी) को 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले दो दिनों में इस शिखर सम्मेलन में 120 से अधिक विकासशील देशों की भागीदारी देखी गई है, जो ग्लोबल साउथ की अब तक की सबसे बड़ी वर्चुअल गैदरिंग है. मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. 


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ''नए साल की शुरुआत एक नई आशा का समय है. हम सभी ग्लोबलाइजेशन का समर्थन करते हैं. भारत ने हमेशा विश्व को एक परिवार के रूप में देखा है.''


उन्होंने इसके अलावा कहा कि विकासशील देश ऐसा ग्लोबलाइजेशन चाहते हैं जिससे जलवायु संकट या ऋण संकट उत्पन्न न हो. हम ऐसा ग्लोबलाइजेशन चाहते हैं जिससे वैक्सीन का असमान वितरण न हो, जिसमें समृद्धि और मानवता की भलाई हो. पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि पिछले तीन साल विकासशील देशों के लिए काफी मुश्किल रहे हैं. 


क्या आवश्यकता बताई


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और ब्रेटन वुड्स संस्थानों सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों में तत्काल एक मौलिक सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने इस दौरान यूएन की सुरक्षा परिषद में सीधे-सीधे स्थाई सदस्य बनने को लेकर कुछ नहीं कहा लेकिन उनका यह बयान इसी ओर इशारा समझा जा रहा है. पीएम मोदी ने इसके अलावा कहा कि भारत एक 'ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' स्थापित करेगा.


भारत करेगा मदद 


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे एक नए प्रोजेक्ट 'आरोग्य मैत्री' के बारे में बताते हुए खुशी हो रही है. इसके तहत भारत प्राकृतिक आपदाओं और मानवीय संकट का सामना कर रहे विकासशील देशों को मेडिकल सहायता उपलब्ध कराएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव हमें अपनी विकास प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने से भटकाते हैं. 


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