Mann Ki Baat: Mann Ki Baat: PM नरेंद्र मोदी ने आज रविवार, 25 अगस्त को सुबह 11 बजे मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष जगत से जुड़े युवाओं से बात की. उन्होंने अंतरिक्ष दिवस और चंद्रयान-3 को लेकर भी बात की. तो आइये जानते हैं कि PM मोदी ने आज अपने संबोधन में कौन सी बड़ी बातें कहीं. 



  • भारत के स्पेस कार्यक्रम को लेकर PM मोदी ने कहा, "आज हम एक बार फिर से बात करेंगे देश देश की उपलब्धियों की, देश के लोगों के सामूहिक प्रयासों की. 21वीं सदी के भारत में इतना कुछ हो रहा है, जो देश की नींव को मजबूत कर रहा है. इस 23 अगस्त को ही हम सब देशवासियों ने पहला National Space Day मनाया. पिछले वर्ष इसी दिन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में शिव-शक्ति पॉइंट पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी. भारत इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना."

  • युवाओं के राजनीति में आने को लेकर उन्होंने कहा, 'इस साल मैंने लाल किले से बिना पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले एक लाख युवाओं को पॉलिटिकल सिस्टम से जोड़ने का आह्वान किया है. मेरी इस बात पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है. इससे पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में हमारे युवा, राजनीति में आने को तैयार बैठे हैं. बस उन्हें सही मौके और सही मार्गदर्शन की तलाश है. सुझाव भेजने के लिए हर किसी का धन्यवाद करता हूं. मुझे उम्मीद है कि अब हमारे सामूहिक प्रयास से ऐसे युवा, जिनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, वे भी राजनीति में आगे आ सकेंगे, उनका अनुभव, और उनका जोश, देश के काम आएगा."

  • मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा- इस बार ये अभियान अपनी पूरी ऊंचाई पर रहा . देश के कोने- कोने से इस अभियान से जुड़ी अद्भुत तस्वीरें सामने आई हैं . हमने घरों पर तिरंगा लहराते देखा स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में तिरंगा देखा . लोगों ने अपनी दुकानों, दफ्तरों में तिरंगा लगाया, लोगों ने अपने डेस्कटॉप, मोबाइल और गाड़ियों में भी तिरंगा लगाया . जब लोग एक साथ जुड़कर अपनी भावना प्रकट करते हैं, तो इसी तरह हर अभियान को चार चांद लग जाते हैं. जम्मू-कश्मीर के रियासी में 750 मीटर लंबे झंडे के साथ तिरंगा रैली निकाली गई और ये रैली दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज पर निकाली गई . जिसने भी इन तस्वीरों को देखा, उसका मन खुशी से झूम उठा . श्रीनगर के डल लेक में भी तिरंगा यात्रा की मनमोहक तस्वीरें हम सबने देखी . अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट कामेंग जिले में भी 600 फीट लंबे तिरंगे के साथ यात्रा निकाली गई . देश के अन्य राज्यों में भी इसी तरह, हर उम्र के लोग, ऐसी तिरंगा यात्राओं में शामिल हुए."

  • असम के गांव का जिक्र करते हुए PM मोदी ने कहा, 'असम में तिनसुकिया जिले के छोटे से गांव बारेकुरी में, मोरान समुदाय के लोग रहते हैं और इसी गांव में रहते हैं 'हूलॉक गिबन', जिन्हें यहां 'होलो बंदर' कहा जाता है. हूलॉक गिबन्स ने इस गांव में ही अपना बसेरा बना लिया है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस गांव के लोगों का हूलॉक गिबन के साथ बहुत गहरा संबंध है. गांव के लोग आज भी अपने पारंपरिक मूल्यों का पालन करते हैं. इसलिए उन्होंने वो सारे काम किए, जिससे गिबन्स के साथ उनके रिश्ते और मजबूत हों.'

  • अरुणाचल प्रदेश को लेकर PM मोदी ने कहा, 'पशुओं के प्रति प्रेम में हमारे अरुणाचल प्रदेश के युवा साथी भी किसी से पीछे नहीं हैं. अरुणाचल में हमारे कुछ युवा-साथियों ने 3-D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी  का उपयोग करना शुरू किया है - जानते हैं क्यों? क्योंकि वो, वन्य जीवों को सींगों और दांतों के लिए शिकार होने से बचाना चाहते हैं. नाबम बापू और लिखा नाना के नेतृत्व में ये टीम जानवरों के अलग-अलग हिस्सों की 3-D प्रिंटिंग करती है.'

  • मध्य प्रदेश की तारीफ करते हुए PM मोदी ने कहा, ' मध्य-प्रदेश के झाबुआ में कुछ ऐसा शानदार हो रहा है, जिसे आपको जरूर जानना चाहिए. वहां पर हमारे सफाई-कर्मी भाई-बहनों ने कमाल कर दिया है. इन भाई-बहनों ने हमें 'Waste to Wealth' का संदेश सच्चाई में बदलकर दिखाया है. इस टीम ने झाबुआ के एक पार्क में कचरे से अद्भुत आर्ट वर्क तैयार किया है.'

  • विश्व संस्कृत दिवस को लेकर PM मोदी ने कहा, 'हमने 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया. उसी दिन पूरी दुनिया में 'विश्व संस्कृत दिवस' भी मनाया गया. आज भी देश-विदेश में संस्कृत के प्रति लोगों का विशेष लगाव दिखता है. दुनिया के कई देशों में संस्कृत भाषा को लेकर तरह-तरह की रिसर्च और प्रयोग हो रहे हैं.

  • PM मोदी ने कहा, 'हमारे देश में कई सारी स्टार्ट अप टीम भी पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए ऐसे प्रयासों से जुड़ रही है . Econscious नाम की एक टीम है, जो, plastic waste का उपयोग एको फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाने में कर रही है.

  • PM मोदी ने कहा, ' बच्चों के न्यूट्रीशियन देश की प्राथमिकता है. वैसे तो उनके पोषण पर पूरे साल हमारा ध्यान रहता है, लेकिन एक महीना देश इस पर विशेष फोकस करता है. इसके लिए हर साल 1 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच पोषण माह मनाया जाता है. पोषण को लेकर लोगों को जागरूक बनाने के लिए पोषण मेला, एनीमिया (anemia) शिविर, नवजात शिशुओं के घर की विजिट, सेमिनार, वेबिनार जैसे कई तरीके अपनाए जाते हैं. कितनी ही जगहों पर आंगनवाड़ी के तहत मदर एंड चाइल्ड कमेटी की स्थापना भी की गई है. पिछले वर्ष पोषण अभियान को नई शिक्षा नीति से भी जोड़ा गया है. 'पोषण भी पढ़ाई भी' इस अभियान के द्वारा बच्चों के संतुलित विकास पर फोकस किया गया है. आपको भी अपने क्षेत्र में पोषण के प्रति जागरूकता वाले अभियान से जरूर जुड़ना चाहिए .