Modi 3.0 Oath Taking Ceremony: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला. नरेंद्र मोदी रविवार (09 जून) को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. वह पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे राजनेता होंगे. शाम सवा सात का कार्यक्रम रखा है, जिसकी राष्ट्रपति भवन में जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं.
नरेंद्र मोदी पीएम पद की शपथ ग्रहण के पहले सुबह 6:30 राज घाट, उसके बाद सुबह 7:00 अटल की समाधि स्थल और उसके बाद 7:30 बजे वार मेमोरियल पर जाएंगे. कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए विदेशी मेहमानों को भी न्यौता दिया गया.
भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के कुछ नेता उन गणमान्य व्यक्तियों में शामिल हैं, जो राष्ट्रपति भवन में रविवार शाम को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे.
किन विदेशी मेहमानों के लिए बनेगा खास खाना
अधिकारियों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से आयोजित भोज में राष्ट्रपति भवन की रसोई के चुनिंदा व्यंजन और विशेष व्यंजन मेहमानों को परोसे जाएंगे. श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीक, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' और भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे ने समारोह के लिए निमंत्रण स्वीकार कर लिया है.
वहीं, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 9 जून को एनडीए संसदीय दल के नेता नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आज दोपहर नई दिल्ली पहुंच चुकी हैं.
सुरक्षा व्यवस्था कैसी होगी?
दिल्ली पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है और समारोह के लिए 9 और 10 जून को राष्ट्रीय राजधानी को उड़ान निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया है. इसके साथ ही राष्ट्रपति भवन में अभेद्य सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सुरक्षा के इंतजाम में एसपीजी, राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्ड, आईटीबीपी, दिल्ली पुलिस, खुफिया विभाग, अर्धसैनिक बलों के जवान, एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो और एनडीआरएफ की टीमें मौजूद रहेंगी.
पुलिस के मुताबिक राष्ट्रपति भवन के आस-पास के इलाके को कंट्रोल एरिया बनाया गया है. जिसमें, संसद मार्ग, रफी मार्ग, रायसीना रोड, राजेंद्र प्रसाद रोड, मदर टेरेसा क्रीसेंट, सरदार पटेल मार्ग, प्रोग्राम के दौरान सिर्फ जिन गाड़ियों पर पास होगा वो ही गाड़ियां आ पाएंगी.
पुलिस के मुताबिक इस कार्यक्रम की निगरानी 500 से ज्यादा सीसीटीवी से की जाएगी. पूरे नई दिल्ली इलाके के धारा 144 भी लगा दी गई है. दिल्ली पुलिस की और से शपथ ग्रहण को देखते हुए 9 और 10 जून के लिए कई तरह की पाबंदी भी लगा दी गई है. दिल्ली को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया है.
इस दौरान पूरी दिल्ली में पैराग्लाइडर, पैरा-मोटर्स, हैंग ग्लाइडर, यूएवी, यूएएस, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, रिमोट से संचालित एयरक्राफ्ट जैसे उप-पारंपरिक हवाई प्लेटफार्मों की उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसको लेकर दिल्ली पुलिस ने एक एडवाइजरी भी जारी की है.
मोदी सरकार की कैसी होगी कैबिनेट?
वहीं, अगर कैबिनेट की बात की जाए तो गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में बहुत ज्यादा बदलाव होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. ये तीनों ही मंत्रालय बीजेपी अपने पास रखेगी. गठबंधन के साथियों को नहीं दिए जाएंगे.
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत वाले एनडीए सरकार के दो पूर्ण कार्यकालों के बाद इस बार चुनावों में बीजेपी को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. इस बीच, नई सरकार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अलग-अलग घटकों के लिए मंत्रिपरिषद में हिस्सेदारी को लेकर बीजेपी नेतृत्व और सहयोगी दलों के बीच विचार-विमर्श चल रहा है.
ऐसा माना जा रहा है कि गृह, वित्त, रक्षा और विदेश जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा शिक्षा और संस्कृति जैसे दो मजबूत वैचारिक पहलुओं वाले मंत्रालय बीजेपी के पास रहेंगे, जबकि उसके सहयोगियों को पांच से आठ कैबिनेट पद मिल सकते हैं.
पार्टी के भीतर जहां अमित शाह और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं का नए मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है, वहीं लोकसभा चुनाव जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जैसे शिवराज सिंह चौहान, बसवराज बोम्मई, मनोहर लाल खट्टर और सर्बानंद सोनोवाल सरकार में शामिल होने के प्रबल दावेदार हैं.