(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नरेंद्र मोदी ने 26 मिनट तक जवानों के बीच भाषण दिया, हौसला बढ़ाने के लिए दिनकर की कविता की पंक्तियां पढ़ीं
सेना के जवानों की शहादत को प्रणाम करते हुए पीएम मोदी ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता जिसका शिर्षक है 'कलम आज उनकी जय बोल' उसकी कुछ पंक्तियां पढ़ीं.
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में जारी गतिरोध के बीच आज पीएम मोदी अचानक लद्दाख पहुंचे. इस दौरान वह 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नीमू में फॉरवर्ड लोकेशन पर जवानों से मिले. उन्होंने अपने भाषण से जवानों का हौसला बढ़ाया. इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की कुछ पंक्तियां भी पढ़ी. आइए जानते हैं कौन सी है वो कविता..
पीएम मोदी ने पढ़ी दिनकर की कविता
सेना के जवानों की शहादत को प्रणाम करते हुए पीएम मोदी ने दिनकर कविता जिसका शिर्षक है 'कलम आज उनकी जय बोल' उसकी कुछ पंक्तियां पढ़ी. पीएम मोदी ने जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए भारत माता की जय के नारे लगाए और रामधारी सिंह दिनकर की कविता की दो पंक्तियां पढ़ीं- ‘‘उनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल, कलम आज उनकी जय बोल.’’
पूरी कविता इस प्रकार है
जला अस्थियां बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी, जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर लिए बिना गर्दन का मोल कलम, आज उनकी जय बोल
जो अगणित लघु दीप हमारे तूफानों में एक किनारे, जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन मांगा नहीं स्नेह मुंह खोल कलम, आज उनकी जय बोल।
पीकर जिनकी लाल शिखाएं उगल रही सौ लपट दिशाएं, जिनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल कलम, आज उनकी जय बोल।
अंधा चकाचौंध का मारा क्या जाने इतिहास बेचारा, साखी हैं उनकी महिमा के सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल कलम, आज उनकी जय बोल