नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा ने मुंबई और अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की भी नई रफ्तार दी. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ पीएम मोदी की टोक्यो में हुई मुलाकात के दौरान जापान ने इस हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए करीब 9800 करोड़ रुपये की लोन किस्त जारी करने पर रजामंदी की मुहर लगाई गई. भारत और जापान के बीच हुई 13वीं शिखर वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने जापानी शिंकानसेन तकनी से बनने वाली इस हाई स्पीड रेल परियोजना को जल्द पूरा करने का संकल्प जताया.


वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान के मुताबिक परियोजना के लिए 150 अरब येन यानी 9799.5 करोड़ रुपये के जापानी ओडीए ऋण की दूसरी किस्त के करारनामे पर दस्तखत दोनों प्रधानमंत्रियों की मौजूदगी में हुए हैं. इस परियोजना के लिए भारत राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल निगम( NHSRCL) का गठन पहले की कर चुका है. इससे पहले करीब 20 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान ऋण की पहली किस्त सितंबर 2018 में पहले की जारी कर चुका है.

परियोजना की मौजूदा स्थिति

विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत-जापान संबंधों में नए अध्याय का प्रतीक बनने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का काम दिसंबर 2018 तक पूरा कर लिया जाना है. करीब 487 किमी की इस रेल परियोजना के लिए 328 किमी संयुक्त माप सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है. रेल अधिकारियों के मुताबिक परियोजना के लिए अहमदाबाद और मुंबई के बीच चलने वाली इस तेज रफ्तार ट्रेन के मार्ग के लिए अंतिम लोकेशन सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है. साथ ही जमीन के नीचे और उसके ऊपर किए जाने वाले निर्माण को भी चिह्नित कर लिया गया है. महत्वपूर्ण है कि महाराष्ट्र औऱ गुजरात को जोड़ने वाले इस रेल मार्ग का 50 फीसद भाग जमीन से ऊपर पिलर पर होगा.


प्रस्तावित बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच करीब 500 किमी की दूरी को मौजूदा सात घंटे से घटा कर दो घंटा कर देगी। हालांकि बीते दिनों इस परियोजना के लिए जमीन सर्वेक्षण के दौरान NHSRCL और जापानी सलाहकारों को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ था.