नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन की सौगात देंगे. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश को यह पाइपलाइन समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक यह ‘एक देश, एक गैस ग्रिड’ के निर्माण में महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी. 450 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण गेल ने किया है.


पीएमओ ने बताया कि इसके पास प्रति दिन 12 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की परिवहन क्षमता है और यह कोच्चि में तरलीकृत प्राकृति गैस टर्मिनल से मंगलुरु तक प्राकृतिक गैस ले जाएगा. यह एर्णाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से गुजरेगा.


कितनी है लागत?


परियोजना की पूरी लागत करीब 3000 करोड़ रुपये है और इसके निर्माण से 12 लाख श्रम दिवस रोजगार का सृजन हुआ. वहीं यह पाइपलाइन बिछाना एक इंजीनियरिंग चुनौती थी क्योंकि पाइपलाइन के रास्ते के कारण 100 से ज्यादा जगहों पर जल निकायों को पार करना आवश्यक था. यह क्षैतिज दिशात्मक ड्रिलिंग विधि नामक एक विशेष तकनीक के माध्यम से किया गया था.


कम होगा वायु प्रदूषण


पाइपलाइन से पर्यावरण हितैषी और सस्ता ईंधन घरों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के रूप में मिलेगा और परिवहन क्षेत्र को कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) मिलेगी. यह पाइपलाइन जिन जिलों से गुजरेगी वहां व्यावसायिक एवं औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस मिलेगी. इसके साथ ही स्वच्छ ईंधन के उपभोग से वायु प्रदूषण कम होगा, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार आएगा.


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