(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले- यकीन है विरोध करने वाले किसान संगठन किसानों के हित के बारे में सोचेंगे
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसान कानूनों का समर्थन कर रहे हैं और जो विरोध कर रहे हैं, हम दोनों से मुलाकात कर रहे हैं. कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले किसानों की संख्या काफी है. सरकार किसानों के हितों के लिए समर्पित है.
नई दिल्ली: दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसानों का आंदोलन बुधवार को 42वें दिन भी जारी है. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत सरकार किसानों के हितों के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि जो किसान इन कानूनों को समर्थन कर रहे हैं और जो विरोध कर रहे हैं, हमने दोनों से मुलाकात कर रहे हैं. जो किसान, कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे हैं उनकी संख्या भी काफी है. हम किसानों के मुद्दों को हल करने में लगे हुए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि उन्हें यकीन है कि जो किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं वो किसानों के हित के बारे में सोचेंगे और एक समाधान पर पहुंचेंगे.
कृषि मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब गुरुवार को किसान संगठन ट्रैक्टर मार्च निकालने जा रहे हैं. इससे पहले आज 6 जनवरी को ये ट्रैक्टर मार्च होने वाला था लेकिन खराब मौसम के पूर्वानुमान की वजह से इसे कल के लिए टाल दिया गया. 7 जनवरी को सिंघू, टीकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर (हरियाणा-राजस्थान सीमा) में सभी प्रदर्शन स्थलों से कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) के लिए ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे.
We're committed to the welfare of farmers. We meet those who're supporting the laws & those opposing it. I am sure that farmers unions who are agitating will think about the welfare of farmers and actively arrive at a solution: Narendra Singh Tomar, Union Agriculture Minister pic.twitter.com/k2BDBUxvgl
— ANI (@ANI) January 6, 2021
किसान संघों ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को आने वाले दिनों में तेज किया जाएगा. किसान नेता जोगिंदर नैन ने 26 जनवरी को दिल्ली के लिए प्रस्तावित एक और ट्रैक्टर मार्च के बारे में कहा, ‘‘हम हरियाणा के हर गांव से 10 ट्रैक्टर ट्रॉलियां भेजेंगे. हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि हर घर से कम से कम एक व्यक्ति और एक गांव से कुल 11 महिलाएं आएं.’’
8 जनवरी को सरकार और किसानों के बीच होगी 8वें दौर की बैठक
8 जनवरी को किसान और सरकार के बीच आठवें दौर की बैठक होगी. सातवें दौर की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला था. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं. वहीं सरकार कानून को रद्द करने की मांग का विकल्प देने को कहा है. सातवें दौर की बैठक खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि जब तक कानून की वापसी नहीं होगी, हमारी घर वापसी नहीं होगी.
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