कृषि मंत्री ने किसानों को लिखी 8 पेज की चिट्ठी, पीएम मोदी बोले- अन्नदाता जरूर पढ़ें
कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने लिखा- मैं एक किसान परिवार से हूं. मैं कृषि की चुनौतियों को देखते हुए पला-बढ़ा हूं. मैंने असमय बारिश से परेशानी और समय पर आए मॉनसून की खुशी देखी है. ये सब मेरे पालन-पोषण के दौरान का हिस्सा रहा है. मैंने फसलों के बेचने के लिए हफ्तों इंतजार को भी देखा है.
नए कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर प्रदर्शन करने वाले किसानों का गुरुवार को 22वां दिन है. इस बीच केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों ने नाम एक खुला पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने लिखा है कि कृषि सुधारों को लेकर कुछ किसान समूहों के बीच गलतफहमियां पैदा की गई हैं. कृषि मंत्री की तरफ से लिखे गए इस पत्र के बाद पीएम मोदी ने उसको री-ट्वीट करते हुए कहा कि अन्नदाता किसान से इसे जरूर पढ़ें.
तोमर ने खुला पत्र में कहा है- "कई किसान संगठनों ने कृषि सुधारों का स्वागत किया है और वे खुश हैं. कुछ क्षेत्रों के किसानों की तरफ से पहले ही इन सुधारों का फायदा उठाया जा चुका है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे उन लोगों की बहकावे में ना आएं जो राजनैतिक स्वार्थ के लिए झूठ फैला रहे हैं."
Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar writes an open letter to farmers over the new farm laws. He writes, "Misunderstanding has been created among some farmers' unions regarding these laws". pic.twitter.com/KiNsW043Rz
— ANI (@ANI) December 17, 2020
इधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वो नरेन्द्र सिंह तोमर की तरफ से उनकी भावनाओं को खुले पत्र के जरिए जो कहा गया है उसे अनदाता जरूर पढ़ें.
कृषि मंत्री @nstomar जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं। https://t.co/9B4d5pyUF1
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2020
कृषि मंत्री के पत्र की ये हैं मुख्य बातें-
1-एमएसपी और एमपीएमसी व्यवस्था खत्म नहीं होगी
2-किसानों की जमीन खतरे में नहीं है. समझौता फसलों का होगा ना कि जमीन का.
3-कृषि समझौते में उत्पाद के मूल्य का निर्धारण किया जाएगा.
4-किसान जब चाहेंगे कांट्रैक्ट को खत्म कर सकेंगे
5-कांट्रैक्ट खेती पहले से चली आ रही है. कई राज्यों ने इसे लागू किया है. कई राज्यों में कांट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर कानून हैं.
6-कानून के पास होने से दो दशक तक सलाह-मशविरा किया गया है.
इससे पहले, नरेन्द्र सिंह तोमर ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से बीजेपी मुख्यालय में मुलाकात कर कृषि संबंधी मुद्दों पर चर्चा की.