कृषि मंत्री ने किसानों को लिखी 8 पेज की चिट्ठी, पीएम मोदी बोले- अन्नदाता जरूर पढ़ें

एबीपी न्यूज़ Updated at: 17 Dec 2020 09:03 PM (IST)

कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने लिखा- मैं एक किसान परिवार से हूं. मैं कृषि की चुनौतियों को देखते हुए पला-बढ़ा हूं. मैंने असमय बारिश से परेशानी और समय पर आए मॉनसून की खुशी देखी है. ये सब मेरे पालन-पोषण के दौरान का हिस्सा रहा है. मैंने फसलों के बेचने के लिए हफ्तों इंतजार को भी देखा है.

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नए कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर प्रदर्शन करने वाले किसानों का गुरुवार को 22वां दिन है. इस बीच केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों ने नाम एक खुला पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने लिखा है कि कृषि सुधारों को लेकर कुछ किसान समूहों के बीच गलतफहमियां पैदा की गई हैं.  कृषि मंत्री की तरफ से लिखे गए इस पत्र के बाद पीएम मोदी ने उसको री-ट्वीट करते हुए कहा कि अन्नदाता किसान से इसे जरूर पढ़ें.


तोमर ने खुला पत्र में कहा है- "कई किसान संगठनों ने कृषि सुधारों का स्वागत किया है और वे खुश हैं. कुछ क्षेत्रों के किसानों की तरफ से पहले ही इन सुधारों का फायदा उठाया जा चुका है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे उन लोगों की बहकावे में ना आएं जो राजनैतिक स्वार्थ के लिए झूठ फैला रहे हैं."






देश के कृष मंत्री के रूम में मेरा कर्तव्य इस देश के हर किसान को तनाव मुक्त बनाना, किसानों की गलत धारणाओं को दूर करना है।" - नरेन्द्र सिंह तोमर ने हिन्दी में ट्वीट करते हुए कहा
कृषि मंत्री ने लिखा- "मैं एक किसान परिवार से हूं. मैं कृषि की चुनौतियों को देखते हुए पला-बढ़ा हूं. मैंने असमय बारिश से परेशानी और समय से आए मॉनसून की खुशी देखी है. ये सब मेरे पालन-पोषण के दौरान का हिस्सा रहा है. मैंने फसलों के बेचने के लिए हफ्तों का इंतजार भी देखा है.


इधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वो नरेन्द्र सिंह तोमर की तरफ से उनकी भावनाओं को खुले पत्र के जरिए जो कहा गया है उसे अनदाता जरूर पढ़ें.





कृषि मंत्री के पत्र की ये हैं मुख्य बातें-


1-एमएसपी और एमपीएमसी व्यवस्था खत्म नहीं होगी


2-किसानों की जमीन खतरे में नहीं है. समझौता फसलों का होगा ना कि जमीन का.


3-कृषि समझौते में उत्पाद के मूल्य का निर्धारण किया जाएगा.


4-किसान जब चाहेंगे कांट्रैक्ट को खत्म कर सकेंगे


5-कांट्रैक्ट खेती पहले से चली आ रही है. कई राज्यों ने इसे लागू किया है. कई राज्यों में कांट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर कानून हैं.


6-कानून के पास होने से दो दशक तक सलाह-मशविरा किया गया है.


इससे पहले, नरेन्द्र सिंह तोमर ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से बीजेपी मुख्यालय में मुलाकात कर कृषि संबंधी मुद्दों पर चर्चा की.

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