नई दिल्ली: 2002 में गुजरात के नरोदा पाटिया में हुए दंगे के 4 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है. उमेशभाई भरवाड़, राजकुमार, पदमेंद्र राजपूत और हर्षद परमार को अपील की सुनवाई पूरी होने तक के लिए जमानत दी गई है. सभी को हाई कोर्ट से 10 साल की सजा मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि उन्हें सजा सिर्फ इस आधार पर दी गयी कि कुछ पुलिसवालों ने घटनास्थल पर उनकी मौजूदगी का बयान दिया.


इनके अलावा एक और दोषी प्रकाशभाई राठौड़ को बेटी की शादी के लिए 28 जनवरी से 15 फरवरी तक की जमानत मिली है. बाबू बजरंगी की जमानत अर्जी पर 31 जनवरी को सुनवाई होगी. नरोदा पाटिया दंगे में 97 लोग मारे गए थे.


नरोदा पाटिया दंगा मामले में 32 दोषियों में से गुजरात हाईकोर्ट ने गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी सहित 17 लोगों को बरी कर दिया था. कोर्ट 12 लोगों की सजा को बरकरार रखा था. दो पर फैसला आना है. इससे पहले अगस्त 2012 में विशेष अदालत ने बीजेपी नेता नेता माया कोडनानी समेत 32 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.


गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की एक बोगी में आग लगा दी गई थी, जिसमें झुलसकर अयोध्या से लौटे 59 लोगों की मौत हो गई थी. कथित तौर पर इस घटना के विरोध में नरोदा पाटिया दंगों को अंजाम दिया गया था.