Swati Mohan Profile: जानिए, नासा में इतिहास रचने वाली स्वाति मोहन कौन हैं
Swati Mohan Profile: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 18 फरवरी की रात करीब 2.30 बजे अपने मार्स पर्सिवरेंस रोवर को मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर में सफलतापूर्वक लैंड कर इतिहास रच दिया है. इस रोवर के जरिए मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं का पता लगाया जा सकेगा. नासा के इस मिशन में भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. स्वाति मोहन ने बड़ी भूमिका निभाई है.
![Swati Mohan Profile: जानिए, नासा में इतिहास रचने वाली स्वाति मोहन कौन हैं NASA created history due to Swati, Perseverance Rover landed on Mars Swati Mohan Profile: जानिए, नासा में इतिहास रचने वाली स्वाति मोहन कौन हैं](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/02/19152509/swati-mohan-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
वॉशिंगटन: अमेरिकी स्पेस एजेंसी (NASA) का अंतरिक्ष यान भारतीय समय के अनुसार गुरुवार रात 2 बजकर 25 मिनट पर मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर पर सफलतापूर्वक लैंड कर चुका है. धरती से टेकऑफ करने के 7 महीने बाद यह मंगल ग्रह पर पहुंचा है. इस मिशन को सफल बनाने में भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक डॉक्टर स्वाति मोहन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अब रोवर परसिवरेंस मंगल ग्रह पर जीवन के संकेतों की तलाश शुरू करेगा.
कौन हैं स्वाति मोहन?
डॉ. स्वाति मोहन एक भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक हैं. वह एक वर्ष की आयु में ही अमेरिका चली गयी थी. उनका पालन-पोषण उत्तरी वर्जीनिया, वाशिंगटन डीसी मेट्रो क्षेत्र में हुआ. उन्होंने मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से बीएससी और एरोनॉटिक्स, एस्ट्रोनॉटिक्स में एमआईटी और पीएचडी की. स्वाति नासा के जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में शुरुआत से ही मार्स रोवर मिशन की सदस्य रही हैं.
इसके साथ ही वह नासा के विभिन्न महत्वपूर्ण मिशनों का हिस्सा भी रही हैं. स्वाती ने कैसिनी (शनि के लिए एक मिशन) और ग्रेल (चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उड़ाए जाने की एक जोड़ी) परियोजनाओं पर भी काम किया है. स्वाति साल 2013 में परियोजना की शुरुआत के बाद से ही मिशन मंगल-2020 पर काम कर रही है. वह वर्तमान में पासाडेना, सीए में नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में मंगल-2020 का मार्गदर्शन करने के साथ नेविगेशन और नियंत्रण संचालन का नेतृत्व कर रही हैं. वह गाइडेंस, नेविगेशन और कंट्रोल (GN & C) के लिए मिशन कंट्रोल स्टाफिंग का शेड्यूल करती हैं.
'स्टार ट्रेक : द नेक्स्ट जनरेशन' ने किया प्रेरित
स्वाति मोहन ने एक इंटरव्यू में बताया है कि जब वह छोटी लड़की थी, उसी समय टीवी धारावाहिक 'स्टार ट्रेक : द नेक्स्ट जनरेशन' देखती थी. इस धारावाहिक ने उन्हें काफी प्रभावित किया. इस धारावाहिक को देखने के बाद उनमें अंतरिक्ष यात्रा और अंतरिक्ष अन्वेषण की उत्सुकता पैदा हुई. स्वाति का कहना है कि अंतरिक्ष की परियोजनाओं में भारत का प्रदर्शन अद्वितीय रहा है. वाहन, उपग्रह के साथ-साथ चंद्र और मंगल अन्वेषण मिशन भी बेहतर है. नासा और इसरो कई कार्यक्रमों में एक-दूसरे को सहयोग कर रही हैं. इनमें नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार परियोजना भी शामिल है.
इसे भी पढ़ेंः पीएम मोदी ने महामारियों के खिलाफ लड़ाई में क्षेत्रीय ढांचा मजबूत करने के सुझाए नुस्खे, पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसियों ने किया समर्थन दिल्ली के शिक्षा निदेशक ने छात्रों से कहा- अगर जवाब नहीं आता तो परीक्षा में कुछ भी लिख दो, वीडियो हुआ वायरल![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)