न्यूयॉर्क: सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर लापता हुए भारत के विक्रम लैंडर का पता चल गया है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने विक्रम लैंडर के मलबे की तस्वीरें जारी की हैं. विक्रम लैंडर का मलबा चांद की सतह पर तय लैंडिंग साइट से 750 मीटर दूर मिला है. चंद्रयान-2 मिशन के आखिरी पलों में लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया था.
नासा ने ट्वीट कर दी जानकारी
नासा ने ट्वीट किया है, ‘’चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर हमारे 'नासा मून' मिशन द्वारा ढूंढ लिया गया है.’’
विक्रम लैंडर की हुई थी हार्ड-लैंडिंग
नासा ने अपने लूनर टोही यान (एलआरओ) कैमरा द्वारा क्लिक की गई तस्वीरों को पोस्ट किया है. तस्वीरों में चंद्रमा पर साइट के परिवर्तन और उससे पहले और बाद के प्रभाव बिंदु को दिखाया गया है. इससे पता चलता है कि चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की हार्ड-लैंडिंग हुई थी. तस्वीरों में नीले और हरे रंग के डॉट्स दुर्घटना से जुड़े हुए मलबे को दर्शाते हैं.
ग्रीन डॉट्स अंतरिक्ष यान के मलबे (पुष्टि या संभावना) का संकेत देते हैं. जबकि ब्लू डॉट्स मिट्टी का पता लगाते हैं, जहां अंतरिक्ष यान के छोटे-छोटे टुकड़े पड़े हुए हैं.
2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर टूट गया था संपर्क
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की तरफ से चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान 7 सितंबर को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था. लैंडर को शुक्रवार देर रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया था.
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