नासा ने ट्वीट किया है, ‘’केरल के कई गांव भारी मानसूनी बारिश और अगस्त में बांध से छोड़े गए पानी से आई विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहे हैं.’’
आपदा प्रबंधन के राज्य नियंत्रण कक्ष की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून के छाये रहने के कारण 29 मई से राज्य में बारिश और बाढ़ से अब तक करीब 474 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं करीब 3.42 लाख लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि लोगों ने अपने घरों में लौटना शुरू कर दिया है लेकिन राहत शिविर अभी कुछ और दिन चलेंगे.
6 फरवरी 2018 की तस्वीर-
22 अगस्त 2018 की तस्वीर-
इन दो तस्वीरों को देखकर तुलना की जा सकती है कि केरल में विनाशकारी बाढ़ ने कितना कहर बरपाया है. मुख्यमंत्री पी. विजयन के कार्यालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि राज्य में अब तक करीब चार लाख पक्षियों और 22 हजार से ज्यादा बड़े और छोटे पशुओं को दफनाया गया है.
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