Kasar Devi: NASA भी चौंका, शरीर को अपनी तरफ खींच लेती हैं इस मंदिर की शक्तियां
Kasar Devi: माता कसार देवी का मन्दिर देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में पड़ता है. ऐसा कहा जाता है कि ये मैग्नेटिक एनर्जी का केंद्र है.
Kasar Devi: क्या आप जानते हैं, हमारे देश में एक ऐसा मंदिर है, जिसके रहस्य से नासा भी भौचक्का है? नासा के वैज्ञानिक तमाम शोध करने के बाद भी इस मंदिर के चमत्कारी रहस्य का पता नहीं लगा पाए हैं. इस मंदिर का स्वामी विवेकानंद जी से भी काफी गहरा कनेक्शन है. इस मंदिर मंदिर का नाम है कसार देवी मंदिर, जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हैं. इस मंदिर का रहस्य है कि यहां की शक्तियां शरीर को अपनी तरफ खींच लेती है, जिसने NASA को भी चौंकाया है.
ये मंदिर है माता कसार देवी का जो देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा में पड़ता है. ऐसा कहा जाता है कि ये मैग्नेटिक एनर्जी का केंद्र है. बता दें कि दुनिया के सबसे बड़े रिसर्च सेंटर नासा के वैज्ञानिक इस मंदिर के मैग्नेटिक एनर्जी से चार्ज होने के कारणों और प्रभावों पर शोध कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनके हाथ खाली हैं. NASA को भी अब तक इस बात का जवाब नहीं मिला है.
माता में साक्षात हुई थीं अवतरित
मंदिर से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं की बात करें तो माता कात्यायनी इस मंदिर में साक्षात अवतरित हुई थीं. ऐसा कहा जाता है कि ये दुनिया की उन चुनिंदा जगहों में से एक है जहां मैग्नेटिक एनर्जी पाई जाती है. मंदिर के पंडित जी ने कहा कि कसार देवी मंदिर में देश ही नहीं विदेश से भी पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है क्योंकि ये एक ऐसी जगह है जो न सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि इसकी वैज्ञानिक महत्व भी है. मंदिर में आए हुए विदेशी पर्यटक ये कहते हैं कि कसार देवी मंदिर के आसपास की जगह ऐसी है जहां धरती के अंदर Giant Geomagnetic Field पाई जाती हैं.
स्वामी विवेकानंद जी से है मंदिर का गहरा नाता
अल्मोड़ा के कसार देवी मंदिर और दक्षिण अमेरिका के पेरू स्थित माचू-पिच्चू और इंग्लैंड के स्टोन हेंग में एकदम अनोखी और अद्भुत चमत्कारिक समानताएं पाई गई हैं. कसार देवी मंदिर परिसर में GPS 8 केंद्र चिह्नित किया गया है, इसको लेकर अमेरिका की संस्था नासा ने ग्रेविटी पॉइंट के बारे में बताया है. प्रमुख मंदिर के द्वार के बाईं ओर नासा ने ये स्थान चिन्हित करने के बाद ही GPS 8 लिखा गया है. कसार देवी मंदिर परिसर का स्वामी विवेकानंद जी से गहरा नाता है, साल 1890 में स्वामी विवेकानंद ध्यान के लिए कुछ महीनों के लिए यहां आए थे.यहां पर स्वामी विवेकानंद की गुफा भी हैं.जहां लोग जाकर ध्यान लगाते हैं.इसी तरह बौद्ध गुरु लामा अंगरिका गोविंदा ने भी गुफा में रहकर विशेष साधना की थी.अनूठी मानसिक शांति मिलने के कारण यहां देश विदेश से कई पर्यटक आते हैं.
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