इलाहाबाद: बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज कहा कि बीएसपी प्रमुख मायावती ने कुंठित होकर समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि बीएसपी ने ‘‘एक हाथ दे, एक हाथ ले- राज्यसभा दे दो और विधानपरिषद ले लो’’ के आधार पर एसपी को समर्थन दिया है.


बीते 22 फरवरी को कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए सिद्दीकी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी से हमारे पूर्वजों का संबंध रहा है. कांग्रेस में दोबारा वापस आने की वजह यह है कि देश प्रदेश में अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना है. देश प्रदेश में जब तक कांग्रेस की सरकारें रही हैं, गंगा जमुनी तहजीब रही. लेकिन जैसे-जैसे हम क्षेत्रीय पार्टियों की ओर बढ़ते गए, हमारा समाज, हमारा देश कमजोर होता गया."


नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा, "मैंने काफी सोच विचार किया और अपने परिवार के लोगों से बात की तो इस नतीजे पर पहुंचा कि इस देश को क्षेत्रीय पार्टी नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी ही संभाल सकती है. हमारे वरिष्ठ नेताओं की टीम गोरखपुर और फूलपुर में अपने उम्मीदवार का हाथ मजबूत करने के लिए लगी है."


इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने जनता से कौन कौन से वादे किए थे और कितने वादे पूरे किए हैं." उन्होंने कहा, "अगर वादों की पार्टी देखनी है तो बनारस, कानपुर जाकर वहां की दुर्दशा देख लीजिए या फिर इलाहाबाद में दुर्दशा देख लीजिए. मैंने इन तीन शहरों का नाम इसलिए लिया क्योंकि बीजेपी के बड़े नेता इन्हीं तीन शहरों में अधिक घूमा करते हैं."


जायसवाल ने कहा, "जिस तरह से जनता का बीजेपी से मोहभंग हो रहा है, उससे पता चलता है कि आने वाले समय में बीजेपी कहां पहुंचने वाली है. यही वजह है कि हमारे भाई नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बीजेपी को सबक सिखाने के लिए कांग्रेस का साथ देने का निर्णय किया." कांग्रेस के ये नेता फूलपुर संसदीय सीट के लिए आगामी 11 मार्च को होने जा रहे उपचुनाव में पार्टी के प्रत्याशी मनीष मिश्रा के पक्ष में प्रचार करने के लिए शहर में हैं.