तीन हफ्ते बाद दोबारा तिहाड़ जेल लौटीं Natasha Narwal, पिता के निधन के बाद कोर्ट ने दी थी अंतरिम जमानत
जेएनयू की स्टूडेंट नताशा निरवाल तिहाड़ जेल वापस लौट गई हैं. हाल ही में उनके पिता का कोरोना वायरस संक्रमण से निधन हो गया था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें तीन हफ्ते की अंतरिम जमानत पर रिहा करना का आर्डर दिया था. नताशा पर दिल्ली दंगों की साजिश में शामिल होने का आरोप है.
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट नताशा नरवाल तिहाड़ जेल पहुंच गई हैं. पिता के निधन के चलते उन्हें कोर्ट से तीन हफ्ते की अंतरिम जमानत दी गई थी. रविवार को समय पूरा होने पर वह वापस तिहाड़ जेल पहुंच गईं. जेल जाने से पहले की उनकी तस्वीर अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. जेल के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि नताशा रविवार को वापस लौट आई हैं. उन्हें 14 दिनों तक आइसोलेट रखा जाएगा. अगर उनका स्वास्थ्य ठीक रहा तो 14 दिनों के बाद उन्हें कैदियों के बीच रहने के लिए भेज दिया जाएगा." नताशा के पिता महावीर नरवाल की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई थी. उनके अंतिम संस्कार के लिए कोर्ट ने नताशा को तीन हफ्ते की जमानत दी थी.
नताशा पर फरवरी, 2021 में उत्तर दिल्ली में हुए दंगों की साजिश में शामिल होने का आरोप था. पुलिस ने नताशा पर UAPA के तहत मामला दर्ज किया है. उन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. नताशा के परिवार के एक सदस्य ने कहा, "नताशा के पिता उसे आखिरी समय में नहीं देख सके. वे कोरोना से पीड़ित थे. उनका बेटा आकाश भी कोरोना से पीड़ित था. आखिरी समय में वह उनके साथ था. वह नताशा से बेहद प्यार करते थे." वहीं, लेफ्ट एक्टिविस्ट और सिविल सोसाइटी के लोग कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की मांग की थी.
वृंदा करात ने केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना
नताशा के पिता के निधन के बाद CPI (M) नेता वृंदा करात ने कहा था ''नताशा और उसके भाई के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. वह बिना वजह एक साल से जेल में बंद है और उसे जल्द से जल्द रिहा करना चाहिए." वहीं, महिला अधिकारों की जानकार कविता कृष्णन ने भी केंद्र पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, "नताशा नरवाल संविधान बचाने के लिए जेल में है. उनके पिता महावीर नरवाल कोविड से गुजर गए. हर बच्ची को काश महावीर जैसे सुन्दर, प्यारे पिता नसीब होते जिन्हें आंदोलन की सजा झेल रही बेटी पर गर्व था. इस क्रूर शासन ने इस अनमोल रत्न को नताशा से, हम सब से छीन लिया. नताशा को उनसे दूर रखा."
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