नई दिल्ली: भारतीय खुफिया एजेंसी की सक्रियता ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के हौसले पस्त कर दिए हैं. आईएसआई पर भारतीय खुफिया एजेंसी का ऐसा डर छाया है कि उसने सभी आतंकी संगठनों के लिए अपने कोडवर्ड बदल दिए हैं. आईएसआई को डर है कि भारत उसके कामों की जानकारी कोड डिकोड करके न जुटा ले. नेटग्रिड के अधिकारियों ने गृह मंत्रालय के समक्ष इस संबंध में खुलासा आज किया.


बता दें कि पूरी दुनिया के कॉल और मैसेज पर निगाह रखने वाली खुफिया संस्था नेटग्रिड के अधिकारियों ने आज केंद्रीय गृह मंत्रालय में इस संबंध में जानकारी एक मीटिंग में साझा की. खुफिया अधिकारियों ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों को आईएसआई के काले जाल के बारे मे अनेक सूचनाएं दी. सूत्रों के मुताबिक नेटग्रिड को पाकिस्तान से आ रहे कोड वर्ड में अहम बदलाव की खबर पिछले महीने लगी.


ऐसे चला पता 


नेटग्रिड के खुफिया अधिकारियों के मुताबिक इस बदलाव के बारे में खबर एक आतंकी के दूसरे आतंकी से बातचीत के दौरान लगी. उन्होंने कहा कि संगठन के लोग तब परेशान हो गए जब एक फोन के दौरान आतंकी ने ऐसे कोड का इस्तेमाल किया जो कि हमारे रिकॉर्ड बुक में नहीं था. इसके बाद जब अधिकारियों ने उस संदेश को डिकोड की तो पता चला कि पाकिस्तान में आतंकियों ने अपने कोडवर्ड को बदल दिया है.


सूत्रों के मुताबिक आतंकियो ने जिन कोडवर्ड में बदलाव किया है उनमें वैपन, लोकेशन और टारगेट शामिल हैं. खुफिया एजेंसियों को शक है कि आतंकियों से जुड़े लोगों को भी नए कोडवर्ड से मैसेज भेजे जा रहे हैं. ये मैसेज सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बने हुए हैं.


ये है कोडवर्ड और इसका अर्थ-


कोडवर्ड 'एप्पल राकेट मनी यल्लो जा रहा है' यहां इसका अर्थ डिकोड करने के बाद पता चला कि एप्पल यानि ए, राकेट यानि आर, मनी यानि एम, यल्लो यानी वाई के मुताबिक आर्मी होता है.


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