राहुल गांधी ने कहा- भागवत भगवान हैं क्या, देश को संगठित करने वाले वो होते कौन हैं?
राहुल ने कहा, ''देश में ऐसा लग रहा है कि एक विचार थोंपा जा रहा है. आज किसान, मजदूर, नौजवान हर कोई कह रहा है कि 1.3 अरब का देश किसी एक खास विचार के जरिए नहीं चलाया जा सकता.’’
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने राजधानी दिल्ली में आयोजित बुद्धजीवियों के साथ संवाद कार्यक्रम में कहा है कि भागवत भगवान नहीं हैं. वह देश को संगठित करने वाले कौन होते हैं? उन्होंने यह भी कहा कि देश को किसी एक विचार से नहीं चलाया जा सकता.
राहुल गांधी ने कहा, ‘’अपने भाषण में मोहन भागवत ने कहा, ‘हम राष्ट्र को संगठित करने जा रहे हैं.’ वो देश को संगठित करने वाले कौन होते हैं? देश खुद अपने को संगठित करेगा. अगले कुछ महीनों में उनका सपना चकनाचूर हो जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘’आरएसएस का जो पूरा आक्रमण है उसके पीछे वित्तीय फायदा बहुत बड़ा है. ये संस्थानों पर कब्जा करके पैसा बनाना चाहते हैं.’’
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इस दौरान राहुल ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘’अमित शाह ने भारत के लिये कहा ‘ये सोने की चिड़िया है’, यानी वो भारत को एक प्रोडक्ट के तौर पर देखते हैं, ये आरएसएस और बीजेपी का दृष्टिकोण है.’’ उन्होंने कहा, ‘’हम आरएसएस की तरफ से 'सोने की चिड़िया' पर कब्ज़ा करने की कोशिश के खिलाफ लड़ रहे हैं. शिक्षण संस्थान, सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग इन सभी पर धीरे-धीरे कब्जा किया जा रहा है.’’
अपने भाषण में मोहन भागवत ने कहा, "हम राष्ट्र को संगठित करने जा रहे हैं"। वो देश को संगठित करने वाले कौन होते हैं? देश खुद अपने को संगठित करेगा। अगले कुछ महीनों में उनका सपना चकनाचूर हो जाएगा : कांग्रेस अध्यक्ष @RahulGandhi #RahulGandhiProfessorsMeet pic.twitter.com/KxCiprUOF0
— Congress (@INCIndia) September 22, 2018
राहुल गांधी ने सरकारी शिक्षण संस्थानों पर अधिक निवेश की जरूरत पर पर जोर देते हुए कहा, ‘’देश में ऐसा लग रहा है कि एक विचार थोंपा जा रहा है. आज किसान, मजदूर, नौजवान हर कोई कह रहा है कि 1.3 अरब का देश किसी एक खास विचार के जरिए नहीं चलाया जा सकता.’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले घोषणापत्र पर इसका स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा कि सरकार बनने के बाद प्रतिवर्ष कितना खर्च शिक्षा पर किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘भारत की शिक्षा व्यवस्था के बारे में कुछ चीजों पर समझौता नहीं हो सकता. महत्वपूर्ण बात यह कि भारतीय शिक्षण व्यवस्था को अपनी राय रखने की अनुमति होनी चाहिए. गुरु वो है जो आपको दिशा देता है और आपको अभिव्यक्ति की प्रोत्साहित करता है. गुरु को अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए.’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अगर आप चाहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था काम करे तो उसमें सद्भाव होना जरूरी है. शिक्षक को महसूस होना चाहिए कि वह देश के लिए त्याग कर रहा है और बदले में देश भी उसे कुछ दे रहा है.’’
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