नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल और ओडिशा में बुधवार को विकराल चक्रवात 'उम्पुन' की वजह से भारी तबाही हुई और 13 लोगों की मौत हो गई. कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में तबाही मचाने वाले भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से हजारों मकान नष्ट हो गए और निचले इलाकों में पानी भर गया. अब इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई है. पीएम ने कहा है कि अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया करा रहे हैं.
चक्रवात उम्पुन को लेकर चिंता जताते हुए पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ''ओडिशा के लोगों ने इसके प्रभावों का बहादुरी से मुकाबला किया. अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता सुनिश्चित करने के लिए जमीन पर काम कर रहे हैं. मैं प्रार्थना करता हूं कि स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाए.''
पीएम मोदी ने आगे कहा कि ''चक्रवात प्रभावित जगहों में NDRF की टीमें काम कर रही हैं. शीर्ष अधिकारी स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ निकट समन्वय में भी काम कर रहे हैं. प्रभावितों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.''
प्रधानमंत्री ने एक और ट्वीट में लिखा, ''पश्चिम बंगाल में चक्रवात उम्पुन की वजह से हो रही तबाही के विजुअल देखे गए हैं. इस चुनौतीपूर्ण समय में, पूरा देश पश्चिम बंगाल के साथ एकजुटता में खड़ा है. राज्य के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना. सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं.''
बता दें कि कल दोपहर 3 बजे चक्रवाती तूफान उम्पुन की लैंडिंग दीघा घाट के पास हुई. तूफान की रफ्तार 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटा थी. पश्चिम बंगाल के दीघा के पास जैसे ही तूफान उम्पुन की लैंडिंग हुई, उसके कुछ देर बाद इसका असर 168 किलोमीटर दूर हावड़ा में दिखा. तूफान की वजह से हवा की रफ्तार 170 किलोमीटर तक पहुंचे गई. हावड़ा ब्रिज के अलावा शहर के दूसरे हिस्सों में भी तूफान की वजह से हिल गए. तूफान के बाद सड़क पर गिरे पेड़ों को हटाने के लिए NDRF और SDRF की टीमों को लगाया गया. राहत और बचाव के काम में लगी टीमों ने ना सिर्फ सड़क पर गिरे पेड़ों को हटाया बल्कि सड़क गर गिरे बिजली के खंभों से लटकी तारों को भी काटा.
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