Mamata Banerjee National Anthem Case: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को राष्ट्रगान के कथित अपमान वाले मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) से राहत नहीं मिली है. सीएम पर आरोप है कि मुंबई (Mumbai) में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने राष्ट्रगान का अपमान किया था.
ममता के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली शिकायत को लेकर बुधवार (29 मार्च) को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है. जस्टिस अमित बोरकर की सिंगल बेंच ने जनवरी 2023 के सेशंस कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी.
CM ममता की याचिका पर बॉम्बे HC ने क्या कहा?
सीएम ममता ने अपनी याचिका में कहा कि सेशंस कोर्ट को समन को रद्द करने और मामले को वापस लेने के बजाय पूरी शिकायत को रद्द कर देना चाहिए था. जस्टिस अमित बोरकर ने कहा कि सेशंस कोर्ट की ओर से पारित आदेश में मामले को नए सिरे से जांच के लिए वापस मजिस्ट्रेट की अदालत में भेजने और प्रक्रिया (समन) जारी करने पर नए सिरे से निर्णय करने में कोई खामी नजर नहीं आती. इसलिए हाई कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है.
याचिका में राष्ट्रगान का कथित तौर पर अपमान करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध करने वाली अर्जी को पुनर्विचार के लिए फिर से मजिस्ट्रेट अदालत के पास भेजने के विशेष सांसद/विधायक अदालत के फैसले को ममता बनर्जी ने चुनौती दी थी.
किसने और क्यों दर्ज कराई थी शिकायत?
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने स्थानीय बीजेपी पदाधिकारी विवेकानंद गुप्ता की शिकायत पर मार्च 2022 में सीएम ममता बनर्जी को समन जारी किया था. गुप्ता ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि दिसंबर, 2021 में यशवंतराव चव्हाण ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान बजने पर भी ममता बनर्जी बैठी रही थीं, फिर बीच में अचानक खड़ी हुईं और दो पंक्तियां गाने के बाद अचानक चुप हो गईं और वहां से चली गईं.
सीएम ममता ने उनके खिलाफ जारी समन को स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में चुनौती दी थी. जनवरी 2023 में विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने प्रक्रियात्मक आधार पर समन को दरकिनार कर दिया. इसके साथ मजिस्ट्रेट से गुप्ता की शिकायत पर नए सिरे से विचार करने को कहा था.
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