सायबर फ्रॉड के खिलाफ अब होगा एक्शन, जल्द लॉन्च होगी नेशनल एंटी रैनसमवेयर टास्क फ़ोर्स, गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी
National Anti Ransomware Task Force: भारत में सायबर फिरौती वाले रैनसमवेयर हमलों की संख्या में बीते 6 महीनों के दौरान हुई 51% बढ़ोतरी यह बताती है कि आम लोगों के लिए इसका ख़तरा कितना बढ़ चुका है.
NARTF: "आपने अपना बिजली का बिल नहीं भरा है, आपके घर की बिजली काटी जा रही है. अगर इससे बचना चाहते हैं तो रात 9:30 से पहले दिए गए लिंक पर अपनी जानकारी अपडेट करें." झांसा देकर सायबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) की नीयत से भेजे गए इस तरह के संदेश अक्सर आपके मोबाइल फोन (Mobile Phones) पर ही नहीं आते बल्कि देश में सायबर सुरक्षा इंतजामों की निगरानी करने वाले नेशनल सायबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर ले.जनरल राजेश पंत को भी इसका शिकार बनाने की कोशिश की गई.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी पंत को चूना लगाने की कोशिश करने वाले शख्स को अब कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन भारत में सायबर फिरौती वाले रैनसमवेयर हमलों की संख्या में बीते 6 महीनों के दौरान हुई 51% बढ़ोतरी यह बताती है कि आम लोगों के लिए इसका ख़तरा कितना बढ़ चुका है.
जल्द लॉन्च होगी रैनसमवेयर टास्क फोर्स
फ़िक्की में साइबर सुरक्षा पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ले. जनरल पंत ने अपने साथ हुई इस घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि रैनसमवेयर ख़तरों से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक स्पेशल राष्ट्रीय टास्क फ़ोर्स बनाने को मंज़ूरी दे दी है. इसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा. रैनसमवेयर, एक ख़ास क़िस्म का साइबर फंदा है जिसमें लोगों को फंसाकर फिर उनसे फिरौती वसूली की जाती है. इसके ज़रिए लोगों की ब्लैकमेलिंग और कंपनियों पर भी दबाव बनाया जाता है.
रैनसमवेयर ख़तरों से निपटने के साथ ही देश में सूचना सुरक्षा ढांचे की सुरक्षा के लिए डेटा प्रोटेक्शन फ़्रेमवर्क को भी तैयार कर लिया गया है. इसे अगले साल बजट सत्र में संसद की मंज़ूरी के लिए पेश किया जाएगा. उन्होंने बताया कि भारत के लिए प्रस्तावित सायबर सुरक्षा रणनीति 2022 पर भी तेज़ी से काम चल रहा है.
सुरक्षित इंटरनेट वक्त की जरूरत
इस मौक़े पर भारतीय कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम के महानिदेशक डॉ संजय बहल ने कहा कि भारत में साइबर सुरक्षा के लिए सांस्कृतिक बदलाव करना होगा. अतिथि देवो भव के भाव के साथ हम सबके लिए दरवाज़े नहीं खोल सकते. ऐसे में यह ध्यान रखना होगा कि सॉफ़्टवेयर से लेकर मोबाइल एप्लीकेशंस के इस्तेमाल में सुरक्षा एहतियात का ध्यान रखा जाए.
जानकारों के मुताबिक़, भारत में भरोसे और सुरक्षा के साथ इंटरनेट की व्यवस्था अर्थव्यवस्था की ज़रूरत भी है. सुरक्षा ताने-बाने को मज़बूत कर देश में डिजिटल अर्थव्यस्था की भागीदारी को एक ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाया जा सकता है.
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