Blind Chess Tournament: नेत्रहीनों के लिए राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन, 7वीं बार विजेता बने किशन गंगोली
Mumbai News: 7वीं बार विजेता बनकर किशन गंगोली ने खुशी जाहिर की. उन्होंने अब विश्व शतरंज चैंपियनशिप के लिए खुद को तैयार करने की बात कही.
![Blind Chess Tournament: नेत्रहीनों के लिए राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन, 7वीं बार विजेता बने किशन गंगोली National Chess Championship For Blind Kishan Gangoli became the winner for the 7th time ANN Blind Chess Tournament: नेत्रहीनों के लिए राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन, 7वीं बार विजेता बने किशन गंगोली](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/18/10bdc010b387afb522ee533f0866eaa91679149707838607_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Blind National Chess Championship: मुंबई के मीरा रोड में नेत्रहीनों के लिए 16वीं ऑल इंडिया चेस फेडरेशन फॉर द ब्लाइंड (AICFB) की ओर से राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन किया गया. इस चैंपियनशिप में पूरे भारत से 56 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. कर्नाटक के किशन गंगोली ने खिताब हासिल किया. उन्होंने 7वीं बार इस चैंपियनशिप को जीता है.
क्षेत्रीय शतरंज टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को ही इस चैंपियनशिप में सेलेक्ट किया गया था. 7.5 अंकों के साथ कर्नाटक के किशन गंगोली ने टूर्मामेंट में पहला स्थान हासिल किया. इसके बाद महाराष्ट्र के आर्यन जोशी और ओडिशा के सौंदर्या कुमार प्रधान को 7-7 अंक मिले. गुजरात के अश्विन मकवाना और दर्पण इनानी को 6.5 अंक मिले. दिल्ली के सोमेंडर बीएल को 6 अंक हासिल हुए.
1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार
इन विजेताओं को ऑल इंडिया चेस फेडरेशन फॉर द ब्लाइंड (AICFB) की ओर से कुल 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और ट्रॉफी प्रदान की गई. बता दें कि भारत में नेत्रहीनों के बीच शतरंज के खेल को बढ़ावा देने के लिए 1997 में ऑल इंडिया चेस फेडरेशन फॉर द ब्लाइंड (AICFB) की स्थापना की गई थी. AICFB एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो इंटरनेशनल ब्रेल चेस एसोसिएशन (IBCA) से संबद्ध है.
AICFB ने खिलाड़ियों की तारीफ की
पुरस्कार वितरण कार्यक्रम पर अपना आभार व्यक्त करते हुए ऑल इंडिया चेस फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड (AICFB) और इंटरनेशनल ब्रेल चेस एसोसिएशन (IBCA) के अध्यक्ष डॉ चारुदत्त जाधव ने कहा, "हमें उन सभी खिलाड़ियों पर बहुत गर्व है, जिन्होंने कड़ी मेहनत की है और जीते हैं. मैं उन्हें बहुत बधाई देता हूं कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई. इसके बाद हम विश्व चैंपियनशिप और 2023 के एशियाई पैरा खेलों के लिए राष्ट्रीय विजेताओं को तैयार करना शामिल होगा और आने वाले भविष्य में सभी विभिन्न टूर्नामेंटों के लिए खुद को तैयार करना होगा.
भविष्य के प्लान भी साझा किए
उन्होंने आगे कहा, "अंत में हम नेत्रहीनों के लिए स्कूलों में शतरंज को बढ़ावा देने के लिए हर संभव पहल कर रहे हैं. कार्यक्रम उड़ान के तहत हर राज्य में शतरंज अकादमी शुरू कर रहे हैं. हितधारकों और सरकारी संगठनों के समर्थन से हमारे लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है. AICFB विभिन्न पहलों के साथ आ रहा है. नेत्रहीनों के लिए स्वतंत्र रूप से शतरंज सीखने, खेलने और विश्लेषण करने के लिए मोबाइल सॉफ्टवेयर शामिल है. इसके अलावा AICFB एक ऑनलाइन टूर्नामेंट प्लेटफॉर्म के साथ आ रहा है ताकि दृष्टिबाधित लोगों के लिए अपने घरों में बैठकर अनुभव करना संभव हो सके."
WCC में भारतीय टीम भेजने की कोशिश
उन्होंने कहा, "हम आगामी विश्व शतरंज चैंपियनशिप के लिए एक भारतीय टीम बनाएंगे, जो अक्टूबर के महीने में ग्रीस में आयोजित टूर्नामेंट में जाएगी. इसके अलावा चीन के हांग्जो में अक्टूबर में होने वाले आगामी एशियाई पैरा खेलों के लिए पूरी तरह से नेत्रहीन (B1) और आंशिक रूप से नेत्रहीन (B2 और B3) की श्रेणियों में बारह अन्य खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा.
किशन गंगोली बोले- बहुत खुश हूं
चैंपियन किशन गंगोली ने एबीपी न्यूज को बताया, "मैं बहुत खुश हूं कि मैंने 7वीं बार नेशनल चैंपियनशिप जीती है. पिछले साल मैं जीत नहीं पाया था, लेकिन मुझे दूसरे स्थान के लिए चुना गया था. यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व का क्षण है." एशियाई और विश्व शतरंज चैम्पियनशिप की तैयारी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं भविष्य के सभी टूर्नामेंटों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा और शतरंज इस खेल को आगे बढ़ाऊंगा."
आर्यन जोशी ने क्या कहा?
दूसरा स्थान जीतने वाले आर्यन जोशी ने बताया, "मैंने टूर्नामेंट में दूसरा स्थान हासिल किया. यह काफी कठिन था, क्योंकि कुछ राउंड के बाद मैं पीछे चल रहा था. मुझे आखिरी दो राउंड जीतने थे और प्रतिद्वंद्वी काफी मजबूत थे. हालांकि, किसी तरह मैं जीतने में कामयाब रहा और एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप के लिए चुना गया. यह बहुत अच्छा अहसास है और मैं टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए वास्तव में उत्सुक हूं. मैं आने वाले भविष्य में देश के लिए कई और पदकों की तैयारी शुरू करुंगा."
आगे की तैयारी की जानकारी दी
अगले दौर के लिए वह खुद को कैसे तैयार करेंगे, इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "रघुनंदन गोखले सर मेरे कोच हैं और वह मुझे वास्तव में अच्छी तरह से प्रशिक्षित करते हैं और उनसे कोचिंग प्राप्त करना वह जारी रखेंगे. मेरा एमबीए प्रोग्राम जुलाई 2023 में शुरू होगा और हो सकता है कि मुझे शतरंज के लिए कम समय मिले, लेकिन मैं प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा और भविष्य के सभी खेलों के लिए सुधार करता रहूंगा."
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)