National Civil Services Day: देश में आज सिविल सर्विस डे मनाया जा रहे है, इस मौके पर एक आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली के विज्ञान भवन में पीएम मोदी ने सिविल सेवकों को संबोधित किया. सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, देश में आजादी के अमृतकाल का दिन चल रहा है, मैं ही नहीं, पूरी दुनिया कह रही है कि भारत का वक्त आया है. हम ऐसे वक्त में ब्यूरोक्रेसी को मजबूत करना चाहते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, इस साल का 'सिविल सर्विस डे' बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह ऐसा समय है जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं, ये ऐसा समय है जब देश ने अगले 25 वर्षों के विराट-विशाल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरू किया है.
'आप बहुत भाग्यशाली हैं'
मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं. आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है... हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढ़नी है लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं.
'दुनिया बोली भारत का वक्त आया'
पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है. पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था. कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने 'पंच प्राणों' का आह्वान किया था. विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो. इन पंच प्राणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वो हमारे देश को वो ऊंचाई देगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है.
भारत का सरकारी सिस्टम हर देशवासी को सपोर्ट करे
विकसित भारत सिर्फ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर या आधुनिक निर्माण तक सीमित नहीं है. विकसित भारत के लिए आवश्यक है कि भारत का सरकारी सिस्टम हर देशवासी की आकांक्षा को सपोर्ट करे. विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत का हर सरकारी कर्मचारी देशवासियों की सपनों को सच करने में उनकी मदद करे.
विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत में सिस्टम के साथ नेगेटिविटी जो पिछले दशकों में जुड़ी थी, वो पॉजिटिविटी में बदले. हमारी योजनाएं कितनी भी बेहतर क्यों ना हों अगर लास्ट माइल डिलीवरी ठीक नहीं होंगी तो अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे.
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