नई दिल्ली: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने पीओके में अल्पसंख्यकों पर हो रहे ज़ुल्मों पर चिंता ज़ाहिर की है. आयोग के चेयरमैन ने कहा कि पीओके के नागरिकों को सुरक्षा और विकास की मुख्यधारा में लाना है और बहुत जल्द पीओके देश का हिस्सा होगा.


दरअसल धारा 370 हटने के बाद अब सरकार पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर गंभीर है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तो लगातार सरकार के मिशन पीओके की चर्चा कर ही रहे हैं लेकिन अब राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी पीओके को लेकर अपनी चिंताएं ज़ाहिर की हैं.


राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सैय्यद गयरूल हसन रिज़वी ने कहा, “जिस तरह कमीशन की चिंता पूरे देश की माइनोरिटी के दुःख दर्द के साथ रहती है उसी तरह पीओके के नागरिकों के साथ भी है. पीओके में माइनोरिटी को सुरक्षित करने के लिए ये ज़रूरी है कि पीओके और वहां की जनता हमारे साथ आ के मिले.'' उन्होंने कहा, “पीओके की जनता अपने आप ये मांग करेगी की उसे भारत के साथ रहना है और बहुत जल्द आप देखेंगे कि पीओके भारत का हिस्सा होगा.”


सैय्यद गयरूल हसन रिज़वी ने कहा, “पाकिस्तान के हर हिस्से में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं वो चाहे गिलगित हो, सिंध हो या फिर अनधिकृत क़ब्ज़े वाला पीओके. पाकिस्तान में ज़ुल्म हो रहा है तो माइनोरिटी कमीशन के चेयरमैन के नाते ये ज़रूर चिंता रहती है कि वहां उनके साथ भी इंसाफ़ होना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि पीओके जितनी जल्दी भारत से मिल जाएगा उसमें भी हम भारत की सभी योजनाओं को लागू करेंगे.


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वहीं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा, “पीओके में जो अल्पसंख्यक हैं वो तो बदहाल हैं हीं, उनके अलावा भी जो नागरिक वहां रह रहे हैं उनके साथ पाकिस्तान की फ़ौज, सुरक्षा कर्मी और सरकार जिस तरह ज़ुल्म कर रही है उससे हम सभी अवगत हैं. धारा 370 हटने के बाद कश्मीर की बहुत सारी समस्याओं का समाधान हुआ है. लेकिन PoK के लोगों की समस्याएं भी हमारी चिंता का हिस्सा है.”