प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कश्मीरी नेताओं की बैठक से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी चीफ महबूबा मुफ्ती के पाकिस्तान वाले बयान पर राजनीतिक दलों की तरफ से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक में शामिल होने के लिए जा रहे हैं.
फारुक अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती के पाकिस्तान पर दिए बयानों को लेकर कहा- “वहां मैं मांगों को रखूंगा और फिर आपसे बात करूंगा. महबूबा मुफ्ती जी अपनी पार्टी की अध्यक्ष हैं. उन्हें बोलने का कहा है. मैं उस पर क्यों बोलूं.”
इधर, दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली जम्मू कश्मीर के नेताओं की बैठक से ठीक पहले बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधा है. जम्मू कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि पाकिस्तान से बातचीत तभी संभव हो सकती है जब पाकिस्तान अपने यहां चल रहे सभी आतंकी शिविरों को बंद कर दें.
दिल्ली रवाना होने से पहले एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने महबूबा मुफ्ती पर हमला किया. महबूबा मुफ्ती के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, गोली और बोली एक साथ नहीं चल सकते. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से बात तभी हो सकती है जब पाकिस्तान अमन और भाईचारे की स्थापना करे और अपने सभी राज ने आतंकी शिविरों को बंद करे.
पाकिस्तान को लेकर क्या बोलीं महबूबा?
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक के आमंत्रण के बाद गुपकर एलायंस की बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर पाकिस्तान का राग अलापा. उन्होंने कहा कि सरकार को कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से बात करनी चाहिए.
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'संविधान ने हमें जो अधिकार दिया है, जो हमसे छीना गया है. उसके अलावा भी जम्मू-कश्मीर में एक मसला है. सरकार दोहा में तालिबान से बातचीत कर रही है. अगर जम्मू-कश्मीर में अमन लाना है तो उन्हें जम्मू-कश्मीर में बातचीत करनी चाहिए और मुद्दों के समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ भी बातचीत करनी चाहिए.' इसके अलावा महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से कश्मीरी नेताओं को रिहा करने की भी मांग की.
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