Farooq Abdullah: ईरान-सऊदी अरब के बीच संबंध बहाल होने पर फारूक अब्दुल्ला का आया रिएक्शन, जानें क्या कुछ कहा
Iran-Saudi Arabia Diplomatic Relations: ईरान और सऊदी अरब के बीच पिछले सात वर्षों से संबंध तानावपूर्ण थे. दोनों ने राजनयिक संबंध बहाल करने का फैसला किया है. इस पर फारूक अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया आई है.
Farooq Abdullah Reaction over Iran Saudi Arabia Ties: नेशनल कांफ्रेंस (NC) प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने ईरान (Iran) और सऊदी अरब (Saudi Arabia) के बीच राजयनयिक संबंधों को फिर से बहाल करने की सहमति बनने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि दोनों देशों संबंध इस्लामी दुनिया के लिए फायदेमंद साबित होंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फारूक अब्दुल्ला ने ईरान और सऊदी अरब के बीच वर्षों के तनाव के बाद राजनयिक संबंध फिर से बहाल होने के फैसले का स्वागत किया है. साथ ही आशा व्यक्त की है कि यह दोनों देशों के संबंध इस्लामी दुनिया में ज्यादा से ज्यादा सहयोग के अग्रदूत के रूप में काम करेंगे.
NC president Farooq Abdullah welcomes Iran and Saudi Arabia's decision to re-establish diplomatic relations after years of tensions, expresses hope that it will act as harbinger of greater cooperation in Islamic world
— Press Trust of India (@PTI_News) March 11, 2023
ईरान-सऊदी अरब को पास लाने में चीन ने निभाई अहम भूमिका
ईरान और सऊदी अरब के बीच सात वर्षों से तनाव चल रहा था. माना गया कि दोनों देशों के तल्ख संबंधों की वजह से मध्य पूर्व में स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार (10 मार्च) को दोनों देश आपसी राजनयिक संबंध बहाल करने के लिए सहमत हुए. दोनों देशों को पास लाने में चीन की भूमिका बताई जा रही है. चीन ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई है. चीन की ओर से वार्ताएं आजोजित की गईं. नतीजतन ईरान और सऊदी अरब ने शुक्रवार को इस बात पर सहमति व्यक्त की कि अगले दो महीने में दोनों देश अपने-अपने दूतावास और मिशनों को फिर से खोलेंगे.
इन देशों ने किया ईरान-सऊदी अरब के फैसले का समर्थन
ईरान और सऊदी अरब के बीच राजनयिक संबंध बहाल होने के समझौते को लेकर कई देशों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन चूंकि दोनों देशों की दोस्ती कराने में शामिल था, उसने इसे मेजर गुड न्यूज कहा है. अमेरिका की ओर से तटस्थ प्रतिक्रिया दी गई है. व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है राष्ट्रपति जो बाइडेन ने क्षेत्र में पिछले साल अपनी यात्रा के दौरान इस जरूरत को रेखांकित किया था.
वहीं, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, यमन के हूथी रेबेल, ओमान, कतर, लेबनान के शक्तिशाली समूह हिजबुल्लाह, मिस्र, बहरीन, तुर्किए और फिलीस्तीनी प्राधिकरण ने ईरान और सऊदी अरब के बीच संबंध बहाने होने का समर्थन किया है.