जम्मू/दिल्ली: फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस को रविवार को जम्मू में बड़ा झटका लगा है. उनके दो प्रमुख नेताओं (देवेंद्र राणा और सुरजीत सिंह सलाथिया) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इन दोनों नेताओं के आज दिल्ली में बीडेपी में शामिल होने की संभावना है.


नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा, "डॉ. फारूक अब्दुल्ला को माननीय सुरजीत सिंह सलाथिया और माननीय देवेंद्र राणा का इस्तीफा मिला है जिसे स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद कोई कार्रवाई या टिप्पणी की जरूरत महसूस नहीं होती."


इस्तीफा का एलान करते हुए क्या बोले देवेंद्र राणा
नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू पार्टी अध्यक्ष देवेंद्र राणा ने इस्तीफा देने की घोषणा अपने घर के बाहर मीडिया से बात करते हुए दी. उन्होंने कहा, 'मैं और (पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व मंत्री) एसएस सलाथिया ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. अब जम्मू-कश्मीर की आवाज जम्मू से आएगी जिसे उसका सही स्थान मिलना चाहिए.' 


राणा ने 30 जनवरी को 'जम्मू घोषणा पत्र' का प्रस्ताव किया था जिसमें जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों और समुदायों में एकजुटता और विश्वास बहाल करने पर जोर दिया गया है. इसपर राणा ने कहा कि उनका राजनीतिक दर्शन प्रस्तावित 'जम्मू घोषणा पत्र' पर आधारित होगा. उनकी एकमात्र चिंता जम्मू का हित और इलाके के लोगों की इच्छाएं और महत्वाकांक्षा है और 'जम्मू घोषणापत्र' इस दिशा में एक कोशिश है जहां पर सभी वर्गों और राजनीति पार्टियों के लोगों को एक साथ आने की जरूरत है.


बता दें कि जम्मू घोषणा पत्र का प्रस्ताव रखने के बाद राणा ने कहा था कि बीजेपी एकमात्र बड़ी पार्टी है जिसने इस पर 'बड़ी प्रतिक्रिया' दी. इस बीच, नेशनल कांफ्रेस ने वरिष्ठ नेता रतनलाल गुप्ता को जम्मू का प्रांतीय अध्यक्ष नियुक्त किया है जो 16 अक्टूबर को इस पद के लिए होने वाले चुनाव तक बने रहेंगे.


राणा पूर्व विधायक हैं और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई हैं. वह तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार का पद छोड़ने के बाद 2011 से ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष के पद पर काबिज थे. राणा को नेशनल कॉन्फ्रेंस की जम्मू इकाई की रीढ़ माना जाता था.


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