Chief Secretaries Conference Today: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार, 6 जनवरी, को मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन (Chief Secretaries conference) की अध्यक्षता की. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में गुरुवार से शुरू हुए इस सम्मेलन में आज राज्यों के साथ साझेदारी में तेजी और निरंतर आर्थिक विकास हासिल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. इस सम्मेलन के जरिए यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि भारत के विकास और तरक्की के लिए केन्द्रीय मंत्रालय और विभाग आपस में मिलकर काम करेंगे, जो सहकारी संघवाद एक आवश्यक स्तंभ हैं.
दिल्ली में मुख्य सचिवों का सम्मेलन
मुख्य सचिवों का यह दूसरा सम्मेलन है, जो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 3 दिन चलेगा. पहला ऐसा सम्मेलन जून 2022 में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित किया गया था. प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) के बयान में कहा गया है कि 5 जनवरी 2023 को शुरू हुए मुख्य सचिवों के दूसरे सम्मेलन में केंद्र का ध्यान राज्यों के साथ साझेदारी में तेज और निरंतर आर्थिक विकास को हासिल करने पर केंद्रित रहेगा. इसी मकसद को ध्यान में रखते हुए, सालभर पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन की परिकल्पना की थी, जो पहली बार जून 2022 को धर्मशाला में आयोजन के साथ शुरू हुई.
200 से अधिक ब्यूरोक्रेट्स ले रहे हिस्सा
प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, इस वर्ष, मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन 7 जनवरी तक चलेगा. इस सम्मेलन में 200 से अधिक ब्यूरोक्रेट्स हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और डोमेन एक्सपर्ट्स शामिल हैं.
इन 6 बिंदुओं पर हो रही चर्चा
PMO की ओर से कहा गया, ''इस सम्मेलन में MSME, बुनियादी ढांचे, अनुपालन को कम करने, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास सहित 6 विषयों पर चर्चा की जा रही है.''
बयान के अनुसार, मुख्य सचिवों का यह सम्मेलन 3 दिवसीय जरूर है, लेकिन सरकार के प्रमुख मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और इन विषयों से संबंधित विशेषज्ञों के बीच इस बारे में पिछले 3 महीनों से विचार-विमर्श हो रहा है.