Viral Video Controversy: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से टेबल और कुर्सियां साफ करता नजर आ रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये व्यक्ति आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले का डिप्टी रजिस्ट्रार है. वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. कई यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.


वीडियो पर प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं. लोटन राम निषाद नाम के एक यूजर ने इस वीडियो के शेयर करते हुए लिखा कि "इस वीडियो को शेयर करो जब तक इसकी अकड़ खत्म न हो जाए. ये राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर रहा है." वहीं सुरेंद्र तिवारी ने आंध्र प्रदेश सरकार से वीडियो की सत्यता जांचकर अधिकारी को सस्पेंड और गिरफ्तार करने की मांग की. एक अन्य यूजर ने इसे "निंदनीय और बर्दाश्त से बाहर" बताया और तुरंत कार्रवाई की मांग की.  






क्या है वीडियो की असली सच्चाई?


जांच में पता चला कि ये मामला अनंतपुर का नहीं बल्कि ओडिशा के सिमली पंचायत का है. वीडियो में दिख रहा व्यक्ति कोई डिप्टी रजिस्ट्रार नहीं बल्कि पंचायत का एग्जीक्यूटिव ऑफिसर प्रशांत कुमार स्वैन है. रिपोर्ट्स के अनुसार ये वीडियो करीब दो साल पुराना है. उस समय इस घटना को लेकर खूब विवाद हुआ था, जिसके बाद प्रशांत कुमार ने माफी मांगते हुए कहा था कि काम के दबाव के चलते उससे ये गलती हुई और उसने यकीन दिलाया कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी. 


राष्ट्रीय गौरव अपमान अधिनियम के तहत केस दर्ज


जानकारी के मुताबिक पुराने विवाद के दौरान प्रशांत कुमार स्वैन के खिलाफ ओडिशा के पुरी जिले के कोनार्क पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. उस पर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 के तहत केस दर्ज हुआ और उसे गिरफ्तार भी किया गया. बताया जा रहा है कि माफी मांगने के बावजूद ये मामला कानूनी रूप से गंभीरता से लिया गया था.


राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान सर्वोपरि


हालांकि वीडियो की सच्चाई सामने आ चुकी है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. इस घटना से ये स्पष्ट होता है कि राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है. ऐसे मामलों में गलती को सुधारने और भविष्य में इसे रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत है. ये हमारी एकता और गौरव का प्रतीक है, जिसका अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.


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