State Governor Issue: देश के अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल, उपराज्यपाल और सरकारों के बीच चल रहे मतभेद पर बीजेपी सांसद दुष्यंत गौतम के साथ बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने कहा, राज्यपाल एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं और वह संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हैं. राज्यपाल को अगर लगता है कि राज्य सरकार संविधान की मर्यादा की अनदेखी कर रही है तो ऐसे में राजपाल का हस्तक्षेप वाजिब है. राज्य सरकारों को आज की तारीख में मंजूर नहीं कि उनके असंवैधानिक काम पर कोई सवाल खड़े करे और जब राज्यपाल और उपराज्यपाल ऐसा करते हैं तो विवाद बढ़ता है.


तेलंगाना के राज्यपाल ने जो आशंका जाहिर की है, वह अपने काफी गंभीर है. ऐसे मामलों की तुरंत जांच होनी चाहिए. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार (08 नवंबर) को केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था, गैर-बीजेपी शासित राज्यों में जब खरीद-फरोख्त संभव नहीं होती तो वह (केंद्र) राज्यपालों का इस्तेमाल करके उन सरकारों और विधानसभाओं की शक्तियों का अतिक्रमण करने का प्रयास करते हैं.


गवर्नर संविधान के अनुसार काम करते है
दुष्यंत गौतम ने गवर्नर के काम करने के तरीके पर कहा, "गवर्नर खुद के दायित्व को समझ कर ही काम करते है. संविधान बनाने वालों ने कई बातों को ध्यान में रखते हुए नियम लिखे हैं. हर व्यक्ति का अपना दायित्व बताया गया है. गवर्नर का क्या दायित्व है, सरकार के मुख्यमंत्री का क्या दायित्व हैं. जब भी मुख्यमंत्री अपने दायित्व से हटकर संविधान का उल्लंघन करते हुए काम करते हैं तब मतभेद पैदा होते है."


राज्य सरकार का निजी स्वार्थ होता है
दुष्यंत गौतम ने कहा, राज्य सरकार को अगर कोई परेशानी है तो उन्हें कोर्ट जाना चाहिए. सरकारें जनता को मिलने वाले फायदों की बातें न करके दूसरी बातों में उलझ जाती हैं. सरकारों का इसमें अपना निजी स्वार्थ होता है. ऐसे लोगों को राज्यपाल रोकने का काम करते है". 


राज्य सरकार गवर्नर को डमी बना कर रखना चाहती है
देश में इस वक्त कई राज्य ऐसे हैं, जहां पर राज्यपाल और सरकारों के बीच कई तरह का मतभेद चल रहे हैं. इस पर मंत्री ने कहा, "राज्य सरकार गवर्नर को डमी बना करके रखना चाहती है. वो उनको गूंगा, बहरा रखना चाहती है. वो चाहती है कि गर्वनर कुछ भी न बोले और संविधान के जानकार न हों." 


काम न होने पर ही दखल देते हैं
बीजेपी सांसद ने कहा, "गवर्नर ठीक से काम न होने पर ही राज्य सरकार के बीच दखल देते हैं. राज्य सरकारें खुद को ज्यादा समझदार समझती हैं और गवर्नर को बेवकूफ. खुद को महाराजा समझना और जनता के हित को नजरअंदाज करने की वजह से ही विवाद पैदा होते है. केरल में अध्यादेश लाकर राज्यपाल को हटाने की बात सामने आ रही है. इस मामले पर मंत्री ने कहा "संविधान के अनुरूप काम करने पर ऐसी कोई भी संभावना नहीं बनती है. जब काम न हो तो राज्य सरकार को अथॉरिटी को बताना चाहिए. इसके बजाए धमकाने और दबाव बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. ऐसे कामों के लिए संविधान मंजूरी नहीं देता है". 


फोन टैप किया जा रहा है
तेलंगाना के राज्यपाल ने आरोप लगाया है कि उनका फोन टैप किया जा रहा है. इस सवाल पर मंत्री ने कहा, "अगर ये बातें व्यक्त की गई हैं तो ये संविधान के खिलाफ हैं. ये लोकतंत्र की हत्या के समान हैं. सरकार को मर्यादा में रहकर काम करना चाहिए." 


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