नई दिल्ली: कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड केस में सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) के जिस सर्कुलर का स्वागत किया था उसे वापस ले लिया गया है. सीबीडीटी ने 31 दिसंबर को सर्कुलर जारी किया था, जिसे 4 जनवरी को वापस ले लिया गया. सर्कुलर में कहा गया था कि नए जारी किये गये शेयर कर लगाने योग्य नहीं हैं. जिसके बाद कांग्रेस ने कहा था कि सीबीडीटी का सर्कुलर एजेएल मामले में पार्टी के रुख को ‘सही साबित’ करता है.


कांग्रेस का कहना है कि इसकी वजह से सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में चल रही इनकम टैक्स की जांच खत्म हो जाएगी या निष्प्रभावी हो जाएगी. मामला नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाले एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के मामले से जुड़ा है. जो अभी हाई कोर्ट में लंबित है.


कांग्रेस नेता अहमद पटेल और विवेक तन्खा ने कहा कि पार्टी इन तथ्यों को कोर्ट के समक्ष रखेगी. तन्खा ने कहा कि यह आयकर विभाग का स्पष्टीकरण साबित करता है कि एजेएल मामले को फिर से खुलवाने का उच्च न्यायालय का निर्णय गलत था और नए तथ्यों को अब उच्चतम न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा.


उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हम वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के सीबीडीटी के 31 दिसंबर 2018 को जारी नवीनतम परिपत्र संख्या 10 का स्वागत करते हैं. यह हमारे रुख को सत्यापित करता है कि कभी भी ऐसे शेयरों को जारी करने को लेकर कोई मुद्दा ही नहीं था और ना ही इस पर कर लगाया जा सकता है. हम इस स्पष्टीकरण के लिए सीबीडीटी का धन्यवाद करते हैं.’’


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कांग्रेस पार्टी ने मामले में यही रुख अपनाया था कि एजेएल कंपनी द्वारा जारी किये गये नये शेयरों पर कर नहीं लगाया जा सकता. यह मामला कर योग्य नहीं है. यह हमारी स्थिति को सही साबित करता है.


भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी की शिकायत की थी, जो नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करता है.