(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
National Herald Case: सोनिया गांधी से आज की पूछताछ खत्म, ईडी ने तीन दिनों में 11 घंटे तक किए सवाल जवाब
National Herald Case: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने आज करीब तीन घंटे पूछताछ की.
National Herald Case: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आज की पूछताछ खत्म हो गई है. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ईडी ने उनसे आज करीब तीन घंटे पूछताछ की. उन्हें कोई नया समन जारी नहीं किया गया है. सोनिया गांधी से तीन दिनों में करीब 11 घंटे की पूछताछ की गई है.
75 वर्षीय सोनिया गांधी से मंगलवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छह घंटे तक पूछताछ की थी और आज फिर पेश होने के लिए कहा था. इससे पहले उनसे 21 जुलाई को ईडी ने दो घंटे तक पूछताछ की थी. यह पूछताछ समाचार पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ के स्वामित्व वाली ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी में कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से जुड़ी है.
अधिकारियों ने बताया कि कोविड अनुकूल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पूछताछ के सत्र किए जा रहे हैं और इसे ऑडियो-वीडियो माध्यम से रिकॉर्ड किया जा रहा है. कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई की निंदा की है और इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध और उत्पीड़न’ करार दिया है.
राहुल गांधी से हो चुकी है पूछताछ
ईडी ने इस मामले में पिछले महीने राहुल गांधी से भी पूछताछ की थी. उनसे पांच दिनों तक 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गयी. ईडी ने धन शोधन निरोधक कानून के आपराधिक प्रावधानों के तहत पिछले साल एक नया मामला दर्ज किया था, जिसके बाद गांधी परिवार से पूछताछ शुरू की गयी.
यहां एक निचली अदालत ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की 2013 में एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन के खिलाफ आयकर विभाग की जांच पर संज्ञान लिया था, जिसके बाद ईडी ने मामला दर्ज किया.
सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों और बहुलांश शेयरधारकों में से हैं. अपने बेटे की तरह कांग्रेस अध्यक्ष की भी कंपनी में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
स्वामी ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और अन्य पर धोखाधड़ी और धन का गबन करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर कांग्रेस का बकाया था.