Why National Pollution Control Day Celebrated: प्रदूषण (Pollution) से सिर्फ दिल्ली-एनसीआर या भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया परेशान है. प्रदूषण के तीन रूप हैं, एयर पॉल्यूशन, साउंड पॉल्यूशन और वॉटर पॉल्यूशन, ये तीनों ही हमारे शरीर को कई बीमारियां दे रहे हैं. कुछ समय पहले हुई एक स्टडी में खुलासा हुआ था कि पॉल्यूश की वजह से भारत में रहने वाले लोगों की औसत उम्र 5 साल तक घट रही है. ऐसे तमाम खतरों को देखते हुए हर साल 2 दिसंबर को नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे के रूप में मनाया जाता है. इसे मनाने का मकसद पॉल्यूशन से निजात पाने के उपायों पर चर्चा करना और लोगों को अवेयर करना होता है ताकि इसके खतरे को कम किया जा सके. चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि क्या है नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे का इतिहास और महत्व.


ये है इसका इतिहास


हर साल 2 दिसंबर को मनाए जाने वाले नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे का इतिहास भारत के भोपाल में हुई गैस त्रासदी से जुड़ा है. दरअसल, 2 दिसंबर 1984 को भोपाल में एक इंसेक्टिसाइड प्लांट से लगभग 45 टन मिथाइल आइसोसाइनेट लीक हो गई और आसपास फैल गई. गैस के आसपास के वातावरण में फैलने से हजारों लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा हजारों लोगों को इसके कारण कई तरह की शारीरिक और मानसिक दिक्कते भी उठानी पड़ीं. यह दिन इसी हादसे की याद में मनाया जाता है.


क्या है इसकी थीम


जैसा कि हर स्पेशल डे की एक थीम होती है, उसी तरह इस दिन की भी एक थीम है और वो है पॉल्यूशन को लेकर लोगों को जागरूक करना, उन्हें इसके खतरे बताने के साथ ही प्रदूषण रोकने के उपाय भी बताना. प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए सरकारी योजनाओं को एडजस्ट करने के लिए प्रेरित करना, ताकि वो भी इस बड़ी समस्या को खत्म करने और वातावरण को बेहतर बनाने में अपना योगदान दे सकें.


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