National School Games: दिल्ली में नेशनल स्कूल गेम्स में भाग लेने आए खिलाड़ियों को जमीन पर सोने को होना पड़ा मजबूर, क्या बोले अधिकारी?
66th National School Game 2023: राष्ट्रीय विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता की शुरूआत 6 जून से हो गई है. देश भर से गेम्स में भाग लेने आए युवा खिलाड़ी दिल्ली पहुंचे हैं.
National School Games 2022-23 Delhi: स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से राष्ट्रीय विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता ( 66th National School Games 2022-23) (अंडर-19 बालक/बालिका) का छह से बारह जून तक नई दिल्ली में आयोजित हो रही है. जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से स्कूल लेवल के चैंपियन अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए सोमवार (5 जून) को ही दिल्ली पहुंचे हैं लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं से नौनिहाल खिलाड़ी बेजार दिखाई पड़ रहें हैं.
दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने सोशल मीडिया पर पटपड़गंज स्थित दिल्ली सरकार के अंदर आने वाले दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के एक क्लासरूम का वीडियो ट्वीट किया है. जिसमें खिलाड़ियों के लिए जमीन पर गद्दा बिछाया गया है. हरीश खुराना का आरोप है कि दिल्ली सरकार का नौजवान खिलाड़ियों के प्रति ये रवैया सरकार के दोगलेपन को दिखाता है. साथ ही मुख्यमंत्री केजरीवाल से भी अपील की इन खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं जल्द से जल्द मुहैया कराई जाएं.
ऐसी व्यवस्था से खिलाड़ी असंतुष्ट
एबीपी न्यूज़ की टीम जब इस स्कूल में गई तो उसे भी क्लासरूम में जमीन पर गद्दे बिछे हुए दिखाई दिए. गद्दों के ऊपर एक सफेद रंग की चादर और हर गद्दे पर एक तकिया मिला. हालांकि उस वक्त तक खिलाड़ी अपने टूर्नामेंट के लिए तैयार होकर स्टेडियम जाने के लिए स्कूल के बाहर अपनी बस का इंतजार करते मिले. राजस्थान से आए नौजवान खिलाड़ियों के एक ग्रुप से जब इस बारे में बात की गई तो, इन बच्चों ने भी दिल्ली सरकार से मिली सुविधाओं से नाखुशी जाहिर की. खिलाड़ियों का कहना है कि वह बिल्कुल असंतुष्ट हैं.
खिलाड़ियों ने कहा, हम कल देर रात यहां पहुंचे थे, जमीन पर गद्दे बिछा दिए गए थे. कंबल भी नहीं दिया गया. कूलर लगवाया था लेकिन चल नहीं रहे थे. मच्छर बहुत ज्यादा काट रहें थे. खाना भी बेहतर हो सकता था. खाने की क्वालिटी अच्छी नहीं थी. एक ही बाथरूम को तकरीबन 50 खिलाड़ी इस्तेमाल कर रहे थे. हालांकि कुछ बच्चों का ये भी कहना था कि यहां मिल रहीं सुविधाएं बाकी राज्यों में मिलती सुविधाएं से बेहतर हैं.
स्कूल प्रशासन ने कही ये बात
पटपड़गंज स्थित सर्वोदय सह शिक्षा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में खिलाड़ियों के जमीन पर गद्दे पर सोने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसको लेकर स्कूल के प्रिंसिपल अशोक गौड़ से भी बात की गई. प्रिंसिपल गौड़ ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि उन्हें ऊपर से आदेश था कि खिलाडियों के रहने की व्यस्था के लिए क्लासरूम चाहिए, इसलिए उन्होंने स्कूल के क्लासरूम खिलाड़ियों के लिए मुहैया कर दिए लेकिन इसके अलावा बाकी सभी चीजों जैसे, गद्दे, कंबल, खाना की जिम्मेदारी स्पोर्ट्स ब्रांच के अधिकारियों की थीं, इसमें स्कूल प्रशासन का कोई हस्तक्षेप नहीं है.
दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग से जुड़े खेल ब्रांच की ओर से प्रतियोगिता में भाग ले रहे प्रत्येक खिलाड़ी से प्रतिदिन 250 रूपए भी लिए गए हैं. जिसमें सुबह का नाश्ता और रात का खाना 'होटल' की बात कही गई है बाकी दोपहर का खाना और शाम का नाश्ता प्रतियोगिता स्थल पर ही करने की बात कही गई है. लेकिन जब एबीपी न्यूज ने खिलाड़ियों से बात की तो वो खाने की क्वालिटी को लेकर भी नाखुश थे.
तकनीकी खामी या लापरवाही?
खिलाडियों और बीजेपी नेता के आरोप पर जब दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के स्पोर्ट्स ब्रांच के एक बड़े अधिकारी से बात की गई. जिनपर खिलाड़ियों के दिल्ली में रहने का इंतजाम करने की जिम्मेदारी थी. उन्होंने कैमरा पर बात करने से इंकार कर दिया लेकिन नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कुबूल किया कि खिलाड़ियों को होटल में ही रखने का प्लान बनाया गया था. आखिरी वक्त में टेंडर की प्रक्रिया में टेक्निकल ग्लिच आने की वजह से खिलाड़ियों का होटल बुक नहीं हो सका.