भारत के इतिहास में 11 मई 1998 का बेहद खास स्थान है. इस दिन भारत ने राजस्थान के पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया था. इसके साथ ही इस दिन को देश में राष्ट्रीय प्रॉद्यौगिकी दिवस (National Technology Day) के तौर पर मनाया जाता है. सोमवार 11 मई को National Technology Day 2020 के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और 1998 को पोखरण परमाणु परीक्षण को याद किया.


पीएम ने ट्वीट कर लिखा, “National Technology Day पर, राष्ट्र उन सभी को सलाम करता है जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं. 1998 में आज ही के दिन हमारे वैज्ञानिकों द्वारा हासिल की गई असाधारण उपलब्धि को भी हम सब याद करते हैं. यह भारतीय इतिहास में एक अहम अवसर था.”


पीएम ने साथ ही अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का एक हिस्सा भी ट्वीट किया जिसमें वो पोखरण परमाणु परीक्षण को याद कर रहे थे. उन्होंने इसके साथ लिखा कि पोखरण ने दिखाया कि एक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व के होने से कितना फर्क आता है.


इसके साथ ही पीएम कोरोनावायरस से जंग में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का भी जिक्र किया और इस प्रयास में जुटे लोगों को सलाम किया. उन्होंने लिखा, “आज टेक्नोलॉजी दुनिया को COVID-19 से आजाद कराने की कोशिशों में सहायता दे रही है. मैं उन सभी लोगों को सलाम करता हूं, जो कोरोना वायरस को हराने के तरीके तलाशने में रिसर्च और इनोवेशन के मोर्चे पर डटे हुए हैं. उम्मीद है कि हम इस ग्रह को स्वस्थ और बेहतर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का लगातार इस्तेमाल करते रहें.”


पोखरण में भारत ने दिखाया था दम


11 मई 1998 को भारतीय वैज्ञानिकों ने बेहद गुपचुप तरीके से राजस्थान के पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया था. इसे पोखरण-2 नाम दिया गया था. भारत ने इससे पहले 1974 में इंदिरा गांधी की सरकार में पहली बार पोखरण में ही सफल परमाणु परीक्षण किया था.


11 मई को वाजपेयी सरकार के मार्गदर्शन में पूर्व राष्ट्रपति और तत्कालीन डीआरडीओ चीफ एपीजे अब्दुल कमाल के नेतृत्व में भारत ने शक्ति-1, शक्ति-2 और शक्ति-3 नाम के 3 परमाणु बमों का एक साथ सफल विस्फोट किया था. इस परीक्षण के साथ ही भारत परमाणु क्षमता हासिल करने वाला दुनिया में छठा देश बन गया.


परीक्षण के बाद शाम को प्रधानमंत्री वाजपेयी ने अपने आवास में प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफल परीक्षण की घोषणा की थी. अपनी क्षमता को फिर से प्रदर्शित करते हुए भारत ने 2 दिन बाद ही 13 मई को भी शक्ति-4 और शक्ति-5 बम का भी सफल परीक्षण किया.


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